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हिंसा के बीच अफगानिस्तान में निर्णायक दौर का मतदान

तालिबान की धमकियों और हिंसा से डरे बिना अफगानिस्तान में लोगों ने शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे चरण में वोट डाले। यह चुनाव ऐसे समय में हुआ है जब देश में करीब 13 साल तक चले संघर्ष के बाद अधिकांश विदेशी सैनिक अफगानिस्तान छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने 52 फीसद से ज्यादा मतदान की बात कही है।

By Edited By: Updated: Sun, 15 Jun 2014 01:03 AM (IST)
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काबुल। तालिबान की धमकियों और हिंसा से डरे बिना अफगानिस्तान में लोगों ने शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे चरण में वोट डाले। यह चुनाव ऐसे समय में हुआ है जब देश में करीब 13 साल तक चले संघर्ष के बाद अधिकांश विदेशी सैनिक अफगानिस्तान छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने 52 फीसद से ज्यादा मतदान की बात कही है।

मतदान के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिंसक घटनाओं में करीब पचास लोगों की मौत हुई है। तालिबान ने काबुल हवाई अड्डे के पास दो रॉकेटों में विस्फोट की जिम्मेदारी ली है। लेकिन इसमें किसी की मृत्यु नहीं हुई। शनिवार के निर्णायक चरण के मतदान से यह तय होगा कि पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला-अब्दुल्ला और विश्व बैंक के पूर्व अर्थशास्त्री अशरफ घानी में कौन अफगानिस्तान का नेतृत्व करेगा। कुछ मतदान केंद्रों का दौरा करने के बाद यूरोपीय यूनियन [ईयू] की चुनाव आकलन टीम के मुख्य पर्यवेक्षक थिज्स बरमैन ने बताया, 'चुनाव शांतिपूर्ण रहा है और सुरक्षा बल चौकन्ने रहे हैं।' पांच अप्रैल को हुए पहले दौर के चुनाव में भाग लेने वाले आठ उम्मीदवारों में किसी को भी 50 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिले थे। इस कारण शनिवार को दूसरे चरण का मतदान हुआ। अप्रैल के चुनाव में अब्दुल्ला को 45 प्रतिशत और घानी को 31.6 प्रतिशत वोट मिले थे। इस चुनाव का प्रारंभिक परिणाम दो जुलाई को और अंतिम परिणाम 22 जुलाई को घोषित किया जाएगा।

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