तलाशी वाले वीडियो से सकते में अमेरिका
भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे की न्यूयार्क में गिरफ्तारी के बाद उनकी भद्दे तरीके से ली गई तलाशी के एक वीडियो ने अमेरिका की परेशानी बढ़ा दी है। नई दिल्ली से रिश्ते और बिगड़ने और भारत में अमेरिका विरोधी माहौल को हवा मिलने से आशंकित अमेरिका ने सोशल साइट्स में उपलब्ध इस वीडियो को खतरनाक रूप से फर्जी और
वाशिंगटन। भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे की न्यूयार्क में गिरफ्तारी के बाद उनकी भद्दे तरीके से ली गई तलाशी के एक वीडियो ने अमेरिका की परेशानी बढ़ा दी है। नई दिल्ली से रिश्ते और बिगड़ने और भारत में अमेरिका विरोधी माहौल को हवा मिलने से आशंकित अमेरिका ने सोशल साइट्स में उपलब्ध इस वीडियो को खतरनाक रूप से फर्जी और उकसाने वाला करार दिया है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने विचलित करने वाले इस वीडियो पर सफाई देते हुए उसे नकली करार दिया है और यह भी कहा कि उन्होंने इसे नहीं देखा है। इस बीच यू-ट्यूब से इस वीडियो को हटा लिया गया है क्योंकि अरूप भट्टाचार्य नाम के एक व्यक्ति ने इस वीडियो पर अपना दावा ठोक दिया है। 1विदेश विभाग की उप प्रवक्ता मैरी हर्फ ने शुक्रवार को कहा कि जिस वीडियो फुटेज से हम लोग वाकिफ हैं वह फुटेज खोबरागडे का नहीं है। सोशल मीडिया में जो वीडियो फुटेज वितरित हुआ है, उसमें दिखता है कि अमेरिकी अधिकारी हिरासत में एक महिला के कपड़े उतार रहे हैं। तलाशी के दौरान ऐसा लगता है कि महिला चिल्ला रही है। हर्फ ने इस पर कहा कि असली होने की जांच किए बगैर जो वीडियो कुछ समाचार वेबसाइटों पर चल रहा है वह फर्जी है। यह वास्तविक नहीं है, हम इसे बहुत परेशानी पैदा करने वाला, गैर जिम्मेदार और अविचारी मानते हैं और इसकी निंदा करते हैं। मैं यह बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि यह देवयानी का वीडियो नहीं है।
देवयानी को किया गया था गिरफ्तारन्यूयार्क में उप महावाणिज्य दूत के रूप में तैनात 1999 बैच की आइएफएस अधिकारी देवयानी खोबरागडे को अपनी नौकरानी के वीजा आवेदन में फर्जी घोषणाओं के लिए गिरफ्तार किया गया था। तब 39 वर्षीया देवयानी की कपड़े उतारकर तलाशी ली गई थी और अपराधियों के साथ रखा गया था। इससे भारत और अमेरिका में विवाद पैदा हो गया है। भारत ने भी अमेरिकी राजनयिकों को दी जा रही विशेष सुविधाओं में कटौती कर दी है। हर्फ ने कहा कि विदेश विभाग ने अमेरिकी मार्शल सर्विस से वीडियो के बारे में बात की है और उन लोगों ने का है कि यह असली नहीं है। इसकी पुष्टि की है। हर्फ के अनुसार, जिस वीडियो फुटेज को दिखाया गया है उनमें अमेरिकी मार्शल कर्मचारी नहीं नजर आ रहे हैं। जाहिर है तलाशी का जो तरीका है वह अमेरिकी मार्शलों का नहीं है।