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बलूचिस्तान की आजादी को लेकर ह्वाइट हाउस के समक्ष प्रदर्शन

बलूचिस्तान की आजादी की आवाज पाकिस्तान की सीमा पार करते हुए अमेरिका तक पहुंच गई है।

By Manoj YadavEdited By: Updated: Sun, 14 Feb 2016 08:55 AM (IST)
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वाशिंगटन। बलूचिस्तान की आजादी की आवाज पाकिस्तान की सीमा पार करते हुए अमेरिका तक पहुंच गई है। बलूच आजादी के दीवानों ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के वाशिंगटन स्थित घर ह्वाइट हाउस के समक्ष प्रदर्शन कर विश्व समुदाय का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।

प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान में जारी पाकिस्तानी ज्यादती रोकने के लिए अमेरिका से दखल देने की मांग की। उन्होंने पूरे बलूचिस्तान में नाटो सेना तैनात करने की मांग उठाई। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आइएसआइ पर बलूचिस्तान में अमानवीय जुल्म ढाने का आरोप लगाया।

ह्वाइट हाउस के समक्ष प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए बलूच नेता अब्दुल कादिर बलूच ने आरोप लगाया, "आजादी की मांग करने वाले कम से कम 30 हजार लोग अपने घरों से गायब हैं। उन्हें पाकिस्तानी सेना या तो मार कर फेंक दिया है अथवा वे आइएसआइ की हिरासत में हैं। पूरे बलूचिस्तान में मानवाधिकार का धड़ल्ले से उल्लंघन हो रहा है।"

वायस ऑफ मिसिंग बलूच पर्सन संगठन के उपाध्यक्ष कादिर बलूच शुक्रवार को हुए प्रदर्शन में भाग लेने के लिए खास तौर पर पाकिस्तान से आए थे। ह्वाइट हाउस के समक्ष प्रदर्शन का आयोजन बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) ने किया था। इसमें वक्ताओं ने बीएनएम महासचिव डॉ. मन्नान बलूच की पाकिस्तानी सेना द्वारा हत्या के मुद्दे को उठाया गया।

कादिर बलूच ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से बलूचिस्तान की आजादी के मामले में दखल देने की मांग की। उनका कहना था, "ओबामा पाकिस्तान सरकार से बलूचिस्तान में मानवाधिकार का उल्लंघन बंद करने के लिए कहें। वे बलूच जनता को पाकिस्तानी जुल्म से बचाने के लिए नाटो सेना को वहां तैनात करने का निर्देश दें।

कादिर बलूच के अनुसार डॉ. मन्नान को इसलिए मार दिया गया क्योंकि वह ग्वादर बंदरगाह के लिए जबरिया भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे।