बांग्लादेश: लापता हैं 260 लोग, आइएस से जुड़ने का शक
आतंकी बनने के लिए देश से लोग लापता हो रहे हैं, बांग्लादेश ने 260 लापता लोगों की सूची जारी करते हुए, नागरिकों से रिपोर्ट करने का अपील किया है।
ढाका (एएफपी)। बांग्लादेश से 261 लोग लापता हैं, अधिकारियों ने आशंका जताई है कि लापता लोग आइएस से जुड़ सकते हैं। देश की सुरक्षा बल रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) ने लापता लोगों की लिस्ट जारी करते हुए नागरिकों को इनके बारे में सूचना देने को कहा।
आरएबी के प्रवक्ता मुफ्ती महमूद खान ने एएफपी को बताया, ‘हमें उन्हें ढूंढना होगा।‘ संदिग्ध इस्लामी आतंकियों द्वारा हुए दो बड़े आतंकी हमले को देखते हुए बांग्लादेशी सरकार ने सुरक्षाबलों को लापता लोगों की लिस्ट से मिलाने का आदेश दिया।
खान ने इस बात पर किसी तरह की टिप्पणी से इंकार कर दिया कि लापता लोगों ने आइएस ग्रुप या स्थानीय अलगाववादियों को ज्वाइन कर लिया है।
ढाका कैफे पर हुए आतंकी हमले के बाद स्थानीय आतंकी गुट के संदिग्ध सदस्यों ने 18 विदेशी समेत 20 लोगों की हत्या कर दी है। दूसरा आतंकी हमला ईद के नमाज के दौरान हुआ था।
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आरएबी चीफ, बेनजीर अहमद ने कहा, ‘यदि परिवार का कोई सदस्य लापता है तो, कृप्या हमें बताएं, इस बात से डरें नहीं कि कानून आपके बेटे को दूर ले जाएगा।‘ लापता लोगों के मिलने से उनकी जिंदगी के साथ दूसरों की जिंदगी भी बच जाएगी। स्थानीय मीडिया ने कहा कि डॉक्टर, इंजीनियर्स और छात्रों समेत दर्जनों लोगों ने आइएस ग्रुप से जुड़ने को मध्य पूर्वी देशों की ओर पलायन किया है।
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ऐसे ही एक केस में , इंजीनियर नजीबुल्लाह अंसारी एक साल से अधिक समय से अपने घर से लापता था, सरकार द्वारा देश से लापता लोगों के लिए कैंपेन लांच करने के बाद जब उसके माता-पिता ने पुलिस को यह बात बतायी। उसके परिवार के अनुसार, अंसारी ने जनवरी 2015 में फेसबुक के जरिए अपने छोटे भाई से बात की थी। उसने बताया था कि वह जिहादियों के साथ इराक में लड़ाई कर रहा है। उसने कहा, ‘मुझे इराक आना पड़ा है। मां और पिता को चिंता न करने के लिए कहना। मैं यहां जिहाद के लिए आया हूं। मैं कभी वापिस घर नहीं आऊंगा।‘