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सटीक याददाश्त के लिए आंखें बंद करना बेहतर

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ सरे के शोधकर्ताओं को ऐसे प्रमाण मिले हैं कि किसी अपराध के चश्मदीद जब अपनी आंखें बंद करते हैं तो ज्यादा सटीक जानकारी देते हैं। शोधकर्ताओं की एक टीम ने 178 प्रतिभागियों का अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि

By anand rajEdited By: Updated: Sat, 17 Jan 2015 10:00 AM (IST)

लंदन। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ सरे के शोधकर्ताओं को ऐसे प्रमाण मिले हैं कि किसी अपराध के चश्मदीद जब अपनी आंखें बंद करते हैं तो ज्यादा सटीक जानकारी देते हैं। शोधकर्ताओं की एक टीम ने 178 प्रतिभागियों का अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि इससे किसी घटना के विषय में ज्यादा याद करने में मदद मिलती है।

प्रमुख शोधकर्ता राबर्ट नैश ने बताया, ‘हमारे अध्ययन से अब यह साफ हो गया है कि आंखें बंद करने और तालमेल बैठाने से यादों को ताजा करने में मदद मिलती है।’ अध्ययन के दौरान सभी प्रतिभागियों को एक फिल्म दिखाई गई। इसके बाद सभी से भिन्न स्थितियों में मसलन आंखें बंदकर या खोलकर पूछे गए सवालों का जवाब देने को कहा गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि आंख बंद कर जवाब देने वाले प्रतिभागियों ने 23 फीसद अधिक सटीक जवाब दिया। इस अध्ययन का प्रकाशन लीगल एंड क्रिमिनोलॉजी साइकोलॉजी जर्नल में किया गया है।

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