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गरीबों पर दौलत लुटाना चाहें बिल

'मेरे पास खाने और कपड़े के लिए पर्याप्त इंतजाम है। अब मेरे लिए धन की एक सीमित उपयोगिता है। यह भी केवल संगठन खड़ा करने और उससे सबसे गरीब लोगों के लिए संसाधन जुटाने से जुड़ी है।' ये शब्द विश्व में दूसरे नंबर के रईस बिल गेट्स के हैं, जो उन्होंने ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ को दिए एक इंटरव्यू में कहे हैं।

By Edited By: Updated: Sun, 20 Jan 2013 11:48 AM (IST)
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लंदन। 'मेरे पास खाने और कपड़े के लिए पर्याप्त इंतजाम है। अब मेरे लिए धन की एक सीमित उपयोगिता है। यह भी केवल संगठन खड़ा करने और उससे सबसे गरीब लोगों के लिए संसाधन जुटाने से जुड़ी है।' ये शब्द विश्व में दूसरे नंबर के रईस बिल गेट्स के हैं, जो उन्होंने ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ को दिए एक इंटरव्यू में कहे हैं। उनके पास 65 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्ति है। दुनिया की दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक की यह दौलत दो केन्या या तीन त्रिनिडाड की राष्ट्रीय आय के बराबर है।

गेट्स वाशिंगटन में 15 करोड़ डॉलर के आलीशान बंगले में रहते हैं। इसमें पानी के अंदर लगे म्यूजिक सिस्टम से लैस विशाल स्विमिंग पूल भी है। इस विलासिता के बीच पत्नी मेलिंडा व बच्चों के साथ रह रहे बिल अब अपनी दौलत के सही इस्तेमाल को लेकर बेचैन हैं। वह इससे बहुत कुछ करना चाहते हैं। पहले ही 28 अरब डॉलर की राशि अपने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के जरिये दान कर चुके हैं। इसमें से आठ अरब डॉलर की रकम उन्होंने विश्व में स्वास्थ्य की स्थिति बेहतर बनाने के लिए दी है। उनका सपना दुनिया को पोलियो, मलेरिया, एड्स, डायरिया जैसी बीमारियों से मुक्त बनाने का है।

57 वर्षीय गेट्स ने हर सूरत में दुनिया से पोलियो का जड़ से खात्मा करने का बीड़ा उठाया है। आज भी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नाइजीरिया जैसे देशों में इस बीमारी से हजारों बच्चे विकलांगता का शिकार हो रहे हैं। बिल कहते हैं कि उनका जोर इस बीमारी पर इसलिए ज्यादा है कि एक बार यह जड़ से समाप्त हो गई तो फिर से इस पर एक पैसा भी नहीं खर्च होगा।

उनकी कोशिशों का इन इस्लामी कंट्टरपंथी यह कहकर विरोध कर रहे हैं कि पोलियो टीकाकरण के बहाने मुसलमानों को नपुंसक बना रहे हैं। ऐसी अफवाहों के चलते पाकिस्तान में पोलियो टीकाकरण से जुड़ी कई महिला कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है। इसके बावजूद बिल गेट्स कतई निराश नहीं हैं। वह अपने फाउंडेशन के जरिये इस अभियान में पूरे जोर-शोर से लगे हुए हैं। इंशाअल्लाह, उन्हें इसमें कामयाबी मिले, ताकि वह अन्य बीमारियों के अलावा गरीबी के मर्ज को दूर करने का अपना अभियान भी तेज कर सकें।

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