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PM की रेस से बाहर हुए बोरिस जॉनसन, थेरेसा ले सकती है कैमरन की जगह

यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन को अलग करने की मु‍हिम में अहम भूमिका निभाने वाले बोरिस जॉनसन ने खुद को पीएम पद की रेस से बाहर कर लिया है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 30 Jun 2016 09:23 PM (IST)

लंदन (एएफपी)। यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन को अलग करने की मुहिम चलाने वाले बोरिस जॉनसन ने खुद को देश के पीएम पद की रेस से बाहर कर लिया है। लंदन में दी गई एक स्पीच के दौरान उन्होंने इसका खुलासा किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस बारे में उन्होंने अपने साथियों से भी चर्चा की और देश और संसद के मौजूदा हालात पर भी गौर किया। इसके बाद वह इस निर्णय पर पहुंचे कि वह ब्रिटेन के पीएम की रेस का हिस्सा नहीं बनेंगे। वहीं ब्रिटेन की आंतरिक मंत्री थेरेसा ने अपने पीएम रेस में शामिल होने की औपचारिक घोषणा कर दी है। जॉनसन के बाद थेरेसा को इस रेस में प्रभावी उम्मीद्वार माना जा रहा है।

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ब्रेक्जिट को लेकर चलाई गई मुहिम में अहम भूमिका निभाने वाले जॉनसन लंदन के पूर्व मेयर भी रह चुके हैं। जनत संग्रह के बाद से ही ब्रिटेन के पीएम के लिए जॉनसन को सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था। लेकिन उनके इस रेस से बाहर होने के बाद अब मुकाबला काफी दिलचस्प होता नजर आ रहा है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वह डेविड केमरन की जगह पीएम नहीं बनने वाले हैं।

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दिलचस्प यह भी है कि ब्रेक्जिट पर जनमत संग्रह भी गुरुवार के दिन ही हुआ था।ब्रेक्जिट अभियान के जॉनसन महत्वपूर्ण चेहरे थे। पूरे अभियान के दौरान गोव उनकी छाया बने रहे। अक्टूबर तक प्रधानमंत्री पद छोड़ने की डेविड कैमरन की घोषणा के बाद से जॉनसन उनके स्वभाविक उत्तराधिकारी बताए जा रहे थे। गोव ने भी उनके समर्थन का एलान करते हुए खुद को इस दौड़ से बाहर रखा था।

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लेकिन, गुरुवार को स्पेक्टेटर में प्रकाशित एक लेख में उन्होंने लिखा कि उनका मानना है कि जॉनसन देश को नेतृत्व देने में सक्षम नहीं हैं। इसके बाद लंदन के लक्जरी होटल में पत्रकारों और समर्थकों से खचाखच भरे कमरे में जॉनसन ने पीछे हटने की घोषणा की। यहां लोग इस उम्मीद में जमा हुए थे कि पूर्व मेयर औपचारिक रूप से पीएम पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे। लेकिन, उन्होंने यह कहकर सबको हैरत में डाल दिया कि देश को जिस नेतृत्व और एकता की जरूरत है उसके लिए वे उपयुक्त व्यक्ति नहीं हैं। जॉनसन पूर्व में भी हैरत में डालने वाले फैसले करते रहे हैं।

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ईयू सदस्यता पर कैमरन का विरोध कर भी उन्होंने सबको आश्चर्य में डाल दिया था। लेकिन, पहली बार किसी ने उन्हें इस तरह से चौंकाया है। गार्डियन के अनुसार गोव ने जॉनसन को उनके राजनीतिक कैरियर का सबसे तगड़ा झटका दिया है। वहीं, कंजरवेटिव पार्टी के कुछ सांसदों का कहना है कि कैमरन समर्थकों के भय से जॉनसन ने यह फैसला किया है। उन्हें डर था कि पीएम बनने के बाद उनके हर फैसले की कड़ी समीक्षा की जाएगी। ऐसे में वे ईयू से बाहर होने की जटिल प्रक्रिया का नेतृत्व करने से बचना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी पेश करने का गुरुवार को आखिरी दिन था। नौ सितंबर तक नए नेता का चुनाव होगा। गृह मंत्री थेरेसा मे ने दावेदारी पेश करते हुए कहा कि देश को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो ईयू से बाहर निकलने की शर्तो पर मजबूती से ब्रिटेन का पक्ष रख सके। इसके लिए वे सबसे उपयुक्त हैं। जॉनसन के पीछे हटने के बाद वे कैमरन का उत्तराधिकारी बनने की दौड़ में सबसे आगे हो गई हैं। ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक गृह मंत्रालय चलाने का अनुभव भी उनके पास है।

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