लंदन। सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार द्वारा रासायनिक हथियारों के प्रयोग को लेकर उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई के मुद्दे पर अमेरिका के साथ खड़े नजर आ रहे ब्रिटेन प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने पांव पीछे खींच लिए हैं। दरअसल, ब्रिटिश सांसदों ने अमेरिका के नेतृत्व में सीरिया पर सैन्य कार्रवाई में सहयोग करने के प्रस्ताव क
By Edited By: Updated: Fri, 30 Aug 2013 05:52 PM (IST)
लंदन। सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार द्वारा रासायनिक हथियारों के प्रयोग को लेकर उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई के मुद्दे पर अमेरिका के साथ खड़े नजर आ रहे ब्रिटेन प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने पांव पीछे खींच लिए हैं। दरअसल, ब्रिटिश सांसदों ने अमेरिका के नेतृत्व में सीरिया पर सैन्य कार्रवाई में सहयोग करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। 1782 के बाद यह पहला मौका है जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री को युद्ध पर हुए मतदान में शिकस्त मिली है।
पढ़े : असद ने पश्चिमी देशों को ललकारा हाउस ऑफ कामंस [ब्रिटिश संसद] में गुरुवार को करीब सात घंटे तक चली जोरदार बहस के बाद प्रस्ताव के विरोध में 285 जबकि पक्ष में 272 वोट पड़े। यह कैमरन के लिए करारा झटका है जो सीरियाई नागरिकों पर रासायनिक हमले को लेकर असद को गंभीर प्रतिक्रिया देने की चेतावनी दे रहे थे। सीरिया में विपक्षी दलों व पश्चिमी देशों का आरोप है कि गत 21 अगस्त को दमिश्क के निकट घाउटा में हुए कथित रासायनिक हमले में सैकड़ों लोग मारे गए थे। हालांकि असद सरकार ने इन आरोपों से इन्कार किया है।
पढ़े : सीरिया को गंभीर परिणामों की धमकी करारी शिकस्त मिलने के बाद कैमरन ने सांसदों से कहा, स्पष्ट है कि संसद और ब्रिटिश लोग ब्रिटेन की तरफ से सैन्य कार्रवाई नहीं चाहते। सरकार इसी के अनुरूप काम करेगी। इसके बाद कैमरन के प्रवक्ता ने कहा, ब्रिटेन किसी सैन्य कार्रवाई में शामिल नहीं होगा। लेबर पार्टी के नेता एड मिलिबैंड ने कहा कि अमेरिका-ब्रिटेन संबंधों का अर्थ यह नहीं है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो कहें वह आप करें। ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लार्ड्स में लेबर पार्टी के सांसद लार्ड स्वराज पॉल ने सीरिया में किसी प्रकार की सैन्य कार्रवाई का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई में हिस्सा लेने का फैसला दर्शाता है कि अफगानिस्तान और इराक पर हमले में अमेरिका का साथ देने पर हुई फजीहत को हम भूल गए हैं। इराक में सामूहिक विनाश के हथियार नहीं मिलने पर दुनियाभर में दोनों मुल्कों की निंदा हुई थी। उन्होंने कहा, अपने विवेक के आधार पर दूसरों के विवादों में सैन्य हस्तक्षेप रखने वालों को ध्यान रखना चाहिए कि इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। इराक और सीरिया की तुलना नहीं की जा सकती : अमेरिका ने कहा है सीरिया और इराक की तुलना नहीं की जा सकती। गलत खुफिया सूचना के आधार पर हुए खाड़ी युद्ध के बारे में पूछे जाने पर ह्वाइट हाउस के उप प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा, दोनों में काफी अंतर है। सीरिया में मिले सुबूत दर्शाते हैं वहां निर्दोष नागरिकों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का प्रयोग हुआ है। उन्होंने कहा कि बराक ओबामा स्पष्ट कर चुके हैं कि वह सीरिया में सत्ता परिवर्तन की बात नहीं कर रहे हैं। हम अंतरराष्ट्रीय मानदंड को गंभीरता से लागू करने की बात कर रहे हैं।
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