समय से निकलेगी 'शार्ली अब्दो'
शार्ली अब्दो अगले हफ्ते अपने समय पर फिर निकलेगी। पत्रिका का अगला अंक बुधवार को प्रकाशित होगा और इसकी दस लाख प्रतियां छापी जाएंगी। हमले में जीवित बचे स्तंभकार पैट्रिक पेलू ने बताया कि पत्रिका अगले हफ्ते फिर निकलेगी ताकि हमलावरों को यह बताया जा सके कि वे जीत नहीं सकती।
By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Fri, 09 Jan 2015 04:34 AM (IST)
पेरिस। शार्ली अब्दो अगले हफ्ते अपने समय पर फिर निकलेगी। पत्रिका का अगला अंक बुधवार को प्रकाशित होगा और इसकी दस लाख प्रतियां छापी जाएंगी।
हमले में जीवित बचे स्तंभकार पैट्रिक पेलू ने बताया कि पत्रिका अगले हफ्ते फिर निकलेगी ताकि हमलावरों को यह बताया जा सके कि वे जीत नहीं सकती। उन्होंने बताया कि पत्रिका के जीवित कर्मचारी जल्द ही मिलेंगे।पत्रिका के वकील रिचर्ड मालका ने बताया कि इस बार 10 लाख प्रतियां प्रकाशित की जाएंगी। आमतौर पर इस पत्रिका की 60 हजार प्रतियां ही निकलती हैं। उन्होंने कहा कि इस बार पत्रिका आठ पृष्ठों की होगी। पिछला अंक 16 पन्ने का था। पत्रिका के ताजा अंक को शार्ली अब्दो के मुख्यालय के सामने रखा जाएगा जो फिलहाल हमले के बाद बंद है।
पहले भी हुए हमलेइस पत्रिका पर पहले भी हमले हो चुके हैं, लेकिन बुधवार का हमला सबसे घातक था। मूल रूप से डेनिश अखबार 'जाइलैंड्स-पोस्टेन' में छपे पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों के पुनप्र्रकाशन पर 2006 में कई मुसलमान इससे नाराज हो गए थे। नवंबर 2011 में पत्रिका के कार्यालय के पास उस समय बम धमाका हुआ था जब पत्रिका ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून 'शरिया अब्दो' शीर्षक से छापा था।
जब बंद करना पड़ा प्रकाशनयह पत्रिका कभी बड़ी संख्या में नहीं बिकी और 1981 से 10 साल तक संसाधनों की कमी के चलते इसका प्रकाशन रुका रहा। हालांकि पहले पेज पर भड़कीले कार्टूनों और उत्तेजक हेडलाइंस के चलते हमेशा से यह चर्चा में रहा है।विवादित लेखक पर कार्टूनइस हफ्ते पत्रिका के कवर पर विवादित लेखक मीशेल वेलबेक के नए उपन्यास पर आधारित कार्टून प्रकाशित किया गया था। इस उपन्यास में वेलबेक ने कल्पना की है कि फ्रांस में साल 2022 तक इस्लामी पार्टी का शासन होगा, जिसमें महिलाओं को बुर्का पहनने, एक से ज्यादा शादी करने और विश्वविद्यालयों में कुरान पढ़ाने को बढ़ावा दिया जाएगा।''यह बहुत मुश्किल है। हम सभी दुखी हैं, डरे हुए हैं, लेकिन हम इसे इसलिए छापेंगे क्योंकि बेवकूफी नहीं जीत सकती।'' -पैट्रिक पेलू, स्तंभकारपढ़ें: फ्रांस की मैगजीन शार्ली हेब्दो का रहा है विवादों से पुराना नातापढ़ें: आस्ट्रेलिया को भारत में आतंकी हमले का अंदेशाफ्रांस की पत्रिका के दफ्तर पर आतंकी हमला, 12 की मौतचार्ली हेब्दो के संपादक ने कहा था, 'घुटनों के बल जीने से अच्छा है मरना'कार्टूनिस्ट के हत्यारे को 51 करोड़ देने को याकूब तैयार