उ. कोरिया की लगाम कसेगा चीन, ट्रंप और चिनफिंग ने की शांति की वकालत
डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
पाम बीच(रायटर)। दोस्ती और मेल-मिलाप भरी पहले दौर की बातचीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी चिंता वाले मुद्दों को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के समक्ष रखा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया की भड़कावे वाली कार्रवाइयों और इससे बढ़ रही क्षेत्रीय अस्थिरता का मुद्दा उठाया और कहा कि चीन अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके उत्तर कोरिया पर अंकुश लगाए।
ट्रंप ने चीनी समकक्ष से दोनों देशों के बीच कारोबार के अंतर को कम करने के लिए भी कहा। इसके तहत अमेरिका अपना निर्यात बढ़ाएगा जबकि चीन अपना अनावश्यक निर्यात घटाएगा। अमेरिका के फ्लोरिडा में स्थित ट्रंप के निजी रिजॉर्ट मार-आ-लागो में दोनों नेताओं की वार्ता कठिन मुद्दों पर हुई। इसमें ट्रंप ने चीन के साथ कारोबार के अंतर वाले मुद्दे को उठाया। उन्होंने चीन से आने वाले माल में कम करने की आवश्यकता बताई जिससे अमेरिकी कारखानों में काम बढ़े और वहां के लोगों को काम मिले। इसके लिए 100 दिन की व्यापारिक बातचीत की एक योजना तैयार की गई जिसमें अमेरिकी निर्यात को बढ़ाने और चीनी निर्यात को कम करने की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
इस दौरान दोनों देश कारोबार के नए क्षेत्रों पर भी बातचीत करेंगे। ट्रंप ने आश्वासन दिया कि अब वह अपने भाषणों में चीन द्वारा रोजगार चुराए जाने जैसे जुमलों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के कारोबार के बीच तीन गुने से ज्यादा का अंतर है। उत्तर कोरिया के विषय में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उसके परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को रोकने में चीन अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे। सूत्रों के अनुसार चीन ने भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम थाड की दक्षिण कोरिया में तैनाती को लेकर अपनी आपत्ति जताई।
इस पर ट्रंप ने चिंतित न होने के लिए कहा। अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने बताया कि चीन उत्तर कोरिया पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हो गया है। लेकिन उसने ऐसा कोई फॉर्मूला नहीं बताया कि किस तरह से वह उत्तर कोरिया के आक्रामक रवैये को काबू करेगा। दोनों नेताओं ने दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए अमेरिका और चीन के सहयोग को जरूरी बताया। सूत्रों के अनुसार पिछले हफ्ते ही ट्रंप ने जिस तरह से चीन के साथ कारोबार अंतर और उससे रोजगार पर पड़ रहे असर को लेकर आक्रामक ढंग से ट्वीट किये थे, उससे चिनफिंग के साथ बैठक के परिणामों को लेकर दोनों तरफ के अधिकारी आशंकित थे। लेकिन ट्रंप ने जिस बदले अंदाज से चिनफिंग से मिले, उससे दोनों देशों के सहयोग की उम्मीद बढ़ी है।
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