तिब्बत पर विशेष अमेरिकी समन्वयक की नियुक्ति से खफा चीन
चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को दोटूक कहा कि तिब्बत के मसलों पर अमेरिका की ओर से विशेष समन्वयक की नियुक्ति को बीजिंग कभी मान्यता नहीं देगा। साथ ही कहा कि अपने घरेलू मामलों में किसी प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप का विरोध करता है। गौरतलब है कि चीन के विरोध के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा न
By Edited By: Updated: Mon, 24 Feb 2014 06:00 PM (IST)
बीजिंग। चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को दोटूक कहा कि तिब्बत के मसलों पर अमेरिका की ओर से विशेष समन्वयक की नियुक्ति को बीजिंग कभी मान्यता नहीं देगा। साथ ही कहा कि अपने घरेलू मामलों में किसी प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप का विरोध करता है।
गौरतलब है कि चीन के विरोध के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा से मुलाकात की थी। चीन ने धमकी दी थी कि इस मुलाकात से दोनों देशों के संबंधों पर असर पड़ सकता है। वाशिंगटन ने शुक्रवार को चीनी सरकार से दलाईलामा या उनके प्रतिनिधि के साथ बिना पूर्व शर्तो के फिर से संवाद शुरू करने का अनुरोध किया था ताकि तनाव को कम किया जा सके। इस वार्ता को प्रोत्साहित करने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा था कि उन्होंने तिब्बत मसलों पर अपनी एक अधिकारी साराह सेवल को विशेष समन्वयक नियुक्त किया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिंग ने कहा, 'चीन के घरेलू मामलों में तथाकथित तिब्बत समस्या की आड़ में किसी विदेशी देश के हस्तक्षेप का चीनी सरकार सख्ती से विरोध करती है। चीन कभी भी तिब्बत समस्या पर अमेरिका के तथाकथित विशेष समन्वयक को मान्यता नहीं देगा।' चीन दलाईलामा को अलगाववादी मानता है। उसका आरोप है कि तिब्बती धर्मगुरु स्वतंत्र तिब्बत की स्थापना के लिए हिंसक तरीकों का सहारा ले रहे हैं। जबकि दलाईलामा का कहना है कि वह तिब्बत के लिए वास्तविक स्वायत्तता चाहते हैं। उन्होंने हिंसा को बढ़ावा देने से इन्कार किया है। चीन के दमनकारी शासन के खिलाफ वर्ष 2009 से अब तक 120 तिब्बती आत्मदाह कर चुके हैं। इनमें से ज्यादातर की मृत्यु हो गई। पढ़े: चीन को नजरअंदाज कर दलाईलामा से मिले ओबामा