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चीन की कोशिश है कि तिब्बती दलाई लामा को न सुनें, न देखें

चीन का कहना है कि तिब्बत में आध्यात्मिक नेता दलाईलामा की आवाज खत्म कर दी जाएगी। एक शीर्ष चीनी अधिकारी का कहना है कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि तिब्बत में इंटरनेट, टेलीविजन या अन्य माध्यमों पर दलाईलामा के प्रोपेगैंडा तक लोगों की पहुंच नहीं हो सके।

By Edited By: Updated: Sun, 03 Nov 2013 02:17 PM (IST)
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बीजिंग। चीन इस बात की कोशिश कर रहा है कि तिब्बत में कोई भी आध्यात्मिक नेता दलाईलामा की आवाज को न तो सुन सके और न ही उन्हें देख सके।

एक शीर्ष चीनी अधिकारी का कहना है कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि तिब्बत में इंटरनेट, टेलीविजन या अन्य संचार माध्यमों पर दलाईलामा के प्रोपेगैंडा तक लोगों की पहुंच नहीं हो सके। चीन चाहता है कि तिब्बती देश के बाहर से प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को नहीं देखें। उसने यह प्रयास किया है कि इंटरनेट पर दलाईलामा संबंधी सूचनाओं तक तिब्बतियों की पहुंच नहीं हो सके और उन्हें तिब्बत की निर्वासित सरकार के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिले। अपने इस प्रयास में चीन को कुछ हद तक सफलता भी मिली है। हालांकि कई तिब्बती इस प्रकार के समाचार देख लेते हैं। इसके लिए वे अवैध सेटेलाइट टेलीविजन का प्रयोग करते हैं या इंटरनेट पर चीन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हैं। बड़ा जोखिम लेकर तिब्बत में दलाईलामा की तस्वीरों व पुस्तकों की तस्करी भी की जाती है।

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चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के जर्नल क्युशी के एक लेख में तिब्बत में पार्टी के प्रमुख चेन कुआनगुओ ने कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि केवल उसकी आवाज ही सुनी जाए। उन्होंने कहा कि सरकार अवैध सेटेलाइट डिश को जब्त कर और ऑनलाइन विषय-वस्तु की निगरानी बढ़ाकर ऐसा किया जाना सुनिश्चित करेगी। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि टेलीफोन व इंटरनेट के यूजर्स अपने वास्तविक नाम से ही पंजीकरण कराएं।

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