चीन में बुलेट ट्रेन घाटे में, नेटवर्क विस्तार रोकने का सुझाव
चीन की बुलेट ट्रेन से प्रभावित होकर भारत ने भले ही इसकी शुरुआत का ऐलान कर दिया हो, लेकिन भारी घाटे से जूझ रही चीनी हाई-स्पीड रेल नेटवर्क प्रबंधन को विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि उसे फिलहाल इसका विस्तार नहीं करना चाहिए। बीजिंग जियाटोंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जाओ जियान ने कहा कि भारी घाटे
By Edited By: Updated: Sat, 12 Jul 2014 07:32 AM (IST)
बीजिंग। चीन की बुलेट ट्रेन से प्रभावित होकर भारत ने भले ही इसकी शुरुआत का ऐलान कर दिया हो, लेकिन भारी घाटे से जूझ रही चीनी हाई-स्पीड रेल नेटवर्क प्रबंधन को विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि उसे फिलहाल इसका विस्तार नहीं करना चाहिए।
बीजिंग जियाटोंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जाओ जियान ने कहा कि भारी घाटे झेल रही बुलेट ट्रेन पर पैसे फेंकने के बजाय सरकार को नियमित रेल नेटवर्क के विकास पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि लगातार हाई-स्पीड रेल लाइन बनाना जारी रखना बुद्धिमतापूर्ण कदम नहीं है। जियान ने कहा कि बीजिंग और शंघाई के बीच हाई-स्पीड रेल लाइन लंबे समय से घाटे में जा रहा है, जिसका सीधा असर रेलवे कारपोरेशन पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लोग जितने खर्च में बुलेट ट्रेन की यात्रा करते हैं, उससे कम खर्च में हवाई यात्रा कर सकते हैं। जियान ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि नए आवंटन में एक बड़ा हिस्सा हाई-स्पीड रेल लाइन और बुलेट ट्रेन खर्च किया जाएगा, जो कि आर्थिक बेवकूफियों वाला कदम है। गौरतलब है कि भारत में भी अहमदाबाद और मुंबई के बीच पहली बार बुलेट ट्रेन चलाने का ऐलान किया गया है और इसके लिए बजट में राशि भी आवंटित की गई है। लेकिन विशेषज्ञ यहां इसकी सफलता को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।