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सीआइए जासूसी में टीकाकरण अभियान का उपयोग नहीं करेगी

ह्वाइट हाउस की एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिका के प्रतिष्ठित जनस्वास्थ्य स्कूल के प्रमुखों को आश्वस्त किया है कि सीआइए अब अपने जासूसी अभियानों को छुपाने के लिए टीकाकरण कार्यक्रमों का इस्तेमाल नहीं करेगी। 2011 में अमेरिकी छापामार कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन को मार गिराए जाने से पहले एजेंसी ने उसका पता लगाने के लिए इसी तरीके को अपनाया था।

By Edited By: Updated: Tue, 20 May 2014 06:28 PM (IST)
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वाशिंगटन। ह्वाइट हाउस की एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिका के प्रतिष्ठित जनस्वास्थ्य स्कूल के प्रमुखों को आश्वस्त किया है कि सीआइए अब अपने जासूसी अभियानों को छुपाने के लिए टीकाकरण कार्यक्रमों का इस्तेमाल नहीं करेगी। 2011 में अमेरिकी छापामार कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन को मार गिराए जाने से पहले एजेंसी ने उसका पता लगाने के लिए इसी तरीके को अपनाया था।

राष्ट्रपति बराक ओबामा की शीर्ष आतंक रोधी सलाहकार लिसा मोनाको ने इस संबंध में पिछले सप्ताह 13 सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूलों के डीन को पत्र लिखकर सूचित किया। इसमें कहा गया है कि सीआइए इस बात पर सहमत हुई है कि वह अब खुफिया उद्देश्यों के लिए टीकाकरण कार्यक्रमों या कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल नहीं करेगी। एजेंसी आनुवंशिक सामग्री जुटाने के लिए भी इस तरह के कार्यक्रमों का उपयोग नहीं करने पर सहमत हुई है।

उल्लेखनीय है कि एक पाकिस्तानी डॉक्टर शकील आफरीदी ने सीआइए के समर्थन से एबटाबाद में एक परिसर में उन बच्चों के डीएनए नमूने लेने की कोशिश की थी जहां मई 2011 में ओसामा बिन लादेन मारा गया था। बाद में पाकिस्तान की एक अदालत ने आफरीदी को देशद्रोह के लिए 33 साल कैद की सजा सुनाई। उनकी यह सजा हाल में ही पलट दी गई और अब फिर से सुनवाई हो रही है।

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