पिछले वर्ष अमेरिकी हवाईअड्डे पर रोके जाने और तलाशी की घटना से आहत प्रख्यात सरोदवादक उस्ताद अमजद अली खान अभी भी उससे उबर नहीं पाए हैं। उनका मानना है कि उन्हें रोकने और तलाशी लेने की वह प्रक्रिया नस्ली और भेदभावपूर्ण थी। उन्होंने सुझाव दिया कि अमेरिकी आव्रजन और सीमा सुरक्षा एवं परिवहन सुरक्षा
By Edited By: Updated: Mon, 07 Oct 2013 06:26 PM (IST)
न्यूयॉर्क। पिछले वर्ष अमेरिकी हवाईअड्डे पर रोके जाने और तलाशी की घटना से आहत प्रख्यात सरोदवादक उस्ताद अमजद अली खान अभी भी उससे उबर नहीं पाए हैं। उनका मानना है कि उन्हें रोकने और तलाशी लेने की वह प्रक्रिया नस्ली और भेदभावपूर्ण थी। उन्होंने सुझाव दिया कि अमेरिकी आव्रजन और सीमा सुरक्षा एवं परिवहन सुरक्षा प्रशासन के अधिकारियों को उनके कंप्यूटर पर इंटरनेट उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इससे वे अमेरिका आने वाले यात्रियों की पृष्ठिभूमि की जांच मौके पर ही कर सकेंगे और यात्रियों के अपमान को रोका जा सकेगा।
पढ़ें : अमेरिकी हवाईअड्डे पर नस्ली जांच के खिलाफ विधेयक पास 67 वर्षीय खान ने कहा कि यदि ये प्रशिक्षित अधिकारी आगंतुकों की आंखों में आंख डाल कर बात करें तो वे आसानी से आतंकी की पहचान कर सकते हैं। इससे आधी समस्याओं का समाधान भी हो जाएगा, लेकिन ये अधिकारी आपस में बात करते हैं या कंप्यूटर पर अंतिम नाम देखते हैं। पिछले वर्ष फिलाडेल्फिया हवाई अड्डे पर खान को रोका गया था जब वह सैन फ्रांसिस्को जाने वाले विमान में सवार होने वाले थे। वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे थे। खान ने कहा कि ऐसा लगता है कि अमेरिकी अधिकारी यह नहीं जानते कि जब हवाईअड्डे पर उनके कंप्यूटर पर मुस्लिम नाम आए तो उन्हें क्या करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे नाम के अंत में खान होने की वजह से मेरी तलाशी ली गई। यह नस्ली कार्रवाई के अलावा कुछ नहीं है। मैं कोई आत्मघाती बम लेकर या किसी देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनकर नहीं जा रहा था। वे हर किसी को संदेह की नजर से देखते हैं और कुछ खास रसायन का प्रयोग कर पूरे शरीर की तलाशी लेना चाहते हैं। इस तरह की जलालत से किसी भी कमजोर दिल के व्यक्ति को हार्ट अटैक भी आ सकता है।
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