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लापता विमान के ब्लैक बॉक्स से मिले संकेत

दक्षिण हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के एक खोजी समुद्री जहाज को लापता मलेशियाई विमान से सिग्नल मिले हैं। ये पल्स सिग्नल लापता विमान के ब्लैक बॉक्स के बताए जा रहे हैं। यह एक महीने से जारी बहुराष्ट्रीय खोज अभियान की बहुत बड़ी उपलब्धि हो सकती है।

By Edited By: Updated: Sat, 05 Apr 2014 07:30 PM (IST)
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पर्थ। दक्षिण हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के एक खोजी समुद्री जहाज को लापता मलेशियाई विमान से सिग्नल मिले हैं। ये पल्स सिग्नल लापता विमान के ब्लैक बॉक्स के बताए जा रहे हैं। यह एक महीने से जारी बहुराष्ट्रीय खोज अभियान की बहुत बड़ी उपलब्धि हो सकती है।

चीनी समुद्री जहाज हैक्सुन 01 को 37.5 किलोह‌र्ट्ज प्रति सेकेंड की फ्रीक्वेंसी पर रुक-रुककर आते संकेत मिले। विमान पर लगे डेटा रिकॉर्डर इसी फ्रीक्वेंसी पर संकेत देते हैं। चीनी सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, अभी पुष्टि होनी बाकी है कि ये संकेत बोइंग 777-200 से संबंधित हैं, जो 08 मार्च से 239 लोगों के साथ लापता है। इसमें पांच भारतीय भी सवार थे। इस बीच, मलेशिया के परिवहन एवं रक्षा मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने दुर्घटना की जांच में हिस्सा लेने के लिए प्रतिनिधि भेजने का वादा किया है।

हैक्सुन 01 के ब्लैक बॉक्स डिटेक्टर को जो संकेत हासिल हुए, वह 25 डिग्री दक्षिण अक्षांश और 101 डिग्री पूर्वी देशांतर पर मिले। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल तलाशी अभियान सघन दौर में है, जिसमें दस सैन्य, तीन नागरिक विमानों के अलावा 11 समुद्री जहाज लगे हैं। खोज पर्थ के उत्तर-पश्चिम में करीब 2,17,000 स्क्वायर किमी क्षेत्र में चल रही है।

अगर विमान का डेटा रिकॉर्डर मिल गया तो जांचकर्ताओं के विमान के लापता होने के रहस्य को सुलझाने में बहुत मददगार साबित होगा। आठ मार्च को लापता होने से पहले मलेशिया विमान क्वालालंपुर से बीजिंग की उड़ान पर था। नियमित उड़ान के दौरान ही ये अचानक रडार से गायब हो गया। चीन के लिब्रेशन डेली की रिपोर्ट के अनुसार, हैक्सुन 01 के बोर्ड पर तीन लोगों ने इन संकेतों को सुना, वो इसे रिकॉर्ड नहीं कर पाए क्योंकि ये अचानक आए थे। पानी में डूबे विमान के ब्लैक बॉक्स की अंतरराष्ट्रीय मानक फ्रीक्वेंसी 37.5 किलोह‌र्ट्ज प्रति सेकेंड ही है। चीनी वायुसेना के एक विमान ने इसी खोज क्षेत्र में ढेर सारे सफेद टुकड़ों को तैरते देखा । इस विमान पर सवार ऑस्ट्रेलियाई पायलट ने तुरंत इसकी सूचना संयुक्त समन्वय एजेंसी केंद्र (जेएसीसी) को दी, जो दक्षिण हिंद महासागर में चल रहे इस पूरे खोज अभियान में समन्वयक की भूमिका निभा रहा है।

लापता विमान के रहस्य की गुत्थी शायद कभी न सुलझे