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पाकिस्तान में मुजरिमों को फांसी पर लटकाने का दौर जारी

पाकिस्तान में मौत की सजा पाए कैदियों को फांसी पर लटकाने का दौर जारी है। बुधवार को ऐसे नौ और मुजरिमों को फांसी दी गई। इनमें से ज्यादातर को हत्या के मामलों में मौत की सजा सुनाई गई थी। अधिकारियों ने बताया कि लाहौर, फैसलाबाद, रावलपिंडी, झांग, मियांवाली और अटोक

By vivek pandeyEdited By: Updated: Thu, 19 Mar 2015 09:56 AM (IST)
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में मौत की सजा पाए कैदियों को फांसी पर लटकाने का दौर जारी है। बुधवार को ऐसे नौ और मुजरिमों को फांसी दी गई। इनमें से ज्यादातर को हत्या के मामलों में मौत की सजा सुनाई गई थी। अधिकारियों ने बताया कि लाहौर, फैसलाबाद, रावलपिंडी, झांग, मियांवाली और अटोक की जेलों में फांसी दी गई।

इससे पहले मंगलवार को 12 दोषियों को फांसी दी गई थी। पिछले साल 17 दिसंबर को फांसी पर लगी रोक हटाए जाने के बाद से अब तक 48 लोगों को फांसी दी जा चुकी है। पाकिस्तान की जेलों आठ हजार से ज्यादा ऐसे मुजरिम बंद हैं जिन्हें मौत की सजा सुनाई जा चुकी है।

गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में पेशावर के सैन्य स्कूल पर आतंकी हमले के बाद सरकार ने फांसी पर 2008 में लगाया गया प्रतिबंध हटा लिया था। इस घटना के बाद तय किया गया था कि केवल आतंकवाद के दोषियों को ही फांसी दी जाएगी। लेकिन, 10 मार्च को सरकार ने उन सभी मामलों में फांसी की सजा पर अमल का आदेश दिया था जिनमें दया याचिकाएं खारिज की जा चुकी है। इसके बाद फांसी पर दोषियों को लटकाने में तेजी आ गई है।

रोक की मांग
पाकिस्तान में धड़ाधड़ दी जा रही फांसी पर सवाल भी उठने लगे हैं। मानवाधिकार संगठन और मीडिया भी इसका विरोध कर रहे हैं। यूरोपीय संघ ने पाकिस्तान से फांसी देने पर रोक लगाने की मांग की है।

शफकत पर करो रहम
मौत की सजा पाए शफकत हुसैन के साथ रहम की अपील उसके परिजनों ने पाकिस्तान सरकार से की है। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की भतीजी फातिमा भुट्टो ने भी उसे फांसी पर नहीं लटकाने की अपील की है। अपहरण और एक बच्चे की हत्या के आरोप में दोषी करार दिए गए शफकत को गुरुवार को फांसी पर लटकाया जाना है। उसके वकील का कहना है कि इस मामले में 2004 में जब शफकत को गिरफ्तार किया गया था तो वह 14 साल का था। वकील के मुताबिक नौ दिन तक यातना देने के बाद उससे जुर्म कबूल करवाया गया था।