खतरनाक रोबोटिक हथियारों पर संयुक्त राष्ट्र में चर्चा
जेनेवा। टर्मिनेटर की सेना चारों ओर फैली है और अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को बर्बाद कर रही है। रोबोट के झुंड आकाश से आग बरसा रहे हैं। यह भले ही किसी साइंस फिक्शन का दृश्य हो, लेकिन विज्ञान जिस गति से आगे बढ़ रहा है, इसे सच होते देर नहीं लगेगी। जानकारों का कहना है कि अगर शस्त्रागारों के ड्रॉइंग
By Edited By: Updated: Tue, 13 May 2014 04:30 PM (IST)
जेनेवा। टर्मिनेटर की सेना चारों ओर फैली है और अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को बर्बाद कर रही है। रोबोट के झुंड आकाश से आग बरसा रहे हैं। यह भले ही किसी साइंस फिक्शन का दृश्य हो, लेकिन विज्ञान जिस गति से आगे बढ़ रहा है, इसे सच होते देर नहीं लगेगी।
जानकारों का कहना है कि अगर शस्त्रागारों के ड्रॉइंग बोर्ड से आगे निकलने से पहले ऐसे खतरनाक हथियारों पर रोक नहीं लगाई गई तो यह सब मानव इतिहास के लिए किसी प्रलयंकारी दृश्य से कम नहीं होगा। संयुक्त राष्ट्र में मंगलवार से शुरू हुई चर्चा में तमाम सरकारें पहली बार इन तथाकथित घातक स्वचालित रोबोटिक हथियारों पर केंद्रित चर्चा कर रही हैं। परम्परागत हथियारों पर संयुक्त राष्ट्र की जेनेवा में हो रही चार दिनी परिचर्चा में इस दु:स्वप्न को रोकने का रास्ता बनाया जा सकता है। ह्यूमन राइट्स वाच के आयुध विभाग के निदेशक स्टीव गूस ने कहा कि ये प्राणघातक रोबोट अंतरराष्ट्रीय कानून के बहुत से सिद्धांतों और आधारभूत तथ्यों पर खतरा हैं। उन्होंने कहा कि हम नहीं सोच सकते कि ये बेजान मशीनें जिंदगी की कीमत को कितना समझ सकती हैं। इस खतरे से बचने का एक ही रास्ता है कि पूरी तरह से स्वचालित हथियारों पर समय रहते प्रतिबंध लगा दिया जाए। अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर गूस का संगठन अप्रैल, 2013 से ऐसे घातक रोबोट को रोकने के लिए अभियान चला रहा है। इस तरह के रोबोटिक हथियार दुनिया में व्यापक पैमाने पर बनाए जा चुके हैं। इनका एक प्रमुख उदाहरण ड्रोन विमान भी हैं। ये एक मानवरहित विमान हैं, जिनका संचालन कहीं दूर बेस में बैठे इनके नियंत्रक करते हैं। टर्मिनेटर जैसे रोबोट का अन्य उदाहरण दक्षिण कोरिया की ओर से प्रयोग होने वाले सैमसंग के सेंट्री रोबोट हैं जो कि असामान्य गतिविधियों को चिह्नित कर सकते हैं और निर्देश मिलने पर गोली मार सकते हैं।