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चीन ने फिर दिखाए तेवर, कहा, ऐसा कदम उठाकर हमें न भड़काए भारत

बीजिंग। भारत और चीन की सेनाओं के बीच किसी भी तरह का टकराव टालने के लिए सीमा समझौते पर चर्चा के लिए भारतीय रक्षा मंत्री एके एंटनी के यहां पहुंचने के कुछ घंटे पहले ही एक तेज तर्रार चीनी जनरल ने अपने तेवर दिखाए हैं। उन्होंने भारत को सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाकर नई परेशानी पैदा करने के प्रति आगाह किया है।

By Edited By: Updated: Fri, 05 Jul 2013 04:11 PM (IST)

बीजिंग। भारत और चीन की सेनाओं के बीच किसी भी तरह का टकराव टालने के लिए सीमा समझौते पर चर्चा के लिए भारतीय रक्षा मंत्री एके एंटनी के यहां पहुंचने के कुछ घंटे पहले ही एक तेज तर्रार चीनी जनरल ने अपने तेवर दिखाए हैं। उन्होंने भारत को सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाकर नई परेशानी पैदा करने के प्रति आगाह किया है।

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चाइना स्ट्रैटजी कल्चरल प्रमोशन एसोसिएशन के महासचिव और कार्यकारी उपाध्यक्ष मेजर जनरल ल्यू यूआन ने कहा कि इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि भारत और चीन के बीच तनाव है खासतौर पर सीमावर्ती क्षेत्रों में। अभी भी भारत के कब्जे वाले 90 हजार वर्ग किमी क्षेत्र को लेकर समस्याएं हैं। इन्हें सुलझाने के लिए ठंडे दिमाग की जरूरत है। वह एंटनी की यात्रा के मद्देनजर भारत-चीन संबंधों को लेकर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी [पीएलए] के नजरिए को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। 90 हजार वर्ग किमी क्षेत्र से उनका आशय अरुणाचल प्रदेश से था, जिस पर चीन अपना दावा पेश करता है।

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उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष को सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाकर नई समस्या को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। ल्यू को चीन के पड़ोसी देशों और अमेरिकी के साथ रणनीतिक और सैन्य संबंधों पर उनके अतिवादी विचारों के लिए जाना जाता है। यह पहला मौका था जब सरकार द्वारा संचालित चाइना जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने उन्हें विदेशी मीडिया को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था।

ल्यू ने कहा कि पूरी दुनिया में सिर्फ भारत ही ऐसा देश है जो कहता है कि चीन से खतरे के चलते वह अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ा रहा है। इसलिए भारत को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह क्या कहता है और क्या करता है? गौरतलब है कि भारत कहता है कि नियंत्रण रेखा के पास सीमा विवाद चार हजार किमी क्षेत्र को लेकर है जबकि चीन का कहना है सीमा विवाद 2000 किमी यानी अरुणाचल प्रदेश तक ही सीमित है। दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच सीमा विवाद को लेकर आखिरी बातचीत गत 28 जून को हुई थी। पिछले सात साल में चीन की यात्रा पर जाने पर एंटनी पहले भारतीय रक्षा मंत्री हैं। तीन दिवसीय चीन यात्रा पर आए एंटनी शुक्रवार को अपनी चीनी समकक्ष चैंग वैनक्युआन से मुलाकात करेंगे।

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