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मलेशिया में हिंदू बच्चों का धर्म परिवर्तन अमान्य घोषित

मलेशिया में तीन हिंदू बच्चों के इस्लाम धर्म ग्रहण कराने के कृत्य को अदालत ने गैर कानूनी करार दिया है। कुआलालंपुर हाई कोर्ट ने बच्चों की मां इंदिरा गांधी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि इस्लाम धर्म ग्रहण किए बच्चे हिंदू ही रहेंगे।

By Edited By: Updated: Sun, 28 Jul 2013 04:44 AM (IST)
मलेशिया में हिंदू बच्चों का धर्म परिवर्तन अमान्य घोषित

कुआलालंपुर। मलेशिया में तीन हिंदू बच्चों के इस्लाम धर्म ग्रहण कराने के कृत्य को अदालत ने गैर कानूनी करार दिया है। कुआलालंपुर हाई कोर्ट ने बच्चों की मां इंदिरा गांधी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि इस्लाम धर्म ग्रहण किए बच्चे हिंदू ही रहेंगे।

अदालत के अनुसार, बच्चों का धर्म परिवर्तन प्राकृतिक न्याय की अवधारणा के खिलाफ है। लिहाजा, यह कृत्य गैर संवैधानिक है। इसे खारिज किया जाता है।

अदालत के इस फैसले से उत्साहित भारतीय मूल की शिक्षिका इंदिरा ने अब अपने पति के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू कर दी है। उन्होंने अपनी सबसे छोटी पुत्री के संरक्षण का अधिकार प्राप्त करने के लिए भी अपने पति के खिलाफ कानूनी लड़ाई प्रारंभ कर दी है।

गुरुवार को दिए अपने फैसले में हाई कोर्ट ने कहा है कि मां और बच्चे का पक्ष जाने बिना ही बच्चों का धर्म परिवर्तन करा दिया जाना गैरकानूनी है। गांधी अब राहत की सांस ले सकती है क्योंकि कठिन कानूनी लड़ाई के बाद अब उनके बच्चे फिर से हिंदू धर्म अपना सकते हैं।

फिलवक्त दो बच्चे तेवी दर्शिनी (16 वर्ष) और करन दिनेश (15 वर्ष) तो अपनी मां के साथ रहते हैं, लेकिन उनकी सबसे छोटी बेटी का अता-पता नहीं है। एक साल की उम्र में ही 2009 में उसे इंदिरा के परित्यक्त पति पद्मनाथन उठा ले गया था। पद्मनाथन अब इस्लाम धर्म ग्रहण कर रिजवान अब्दुल्ला बन गया है। उसने ही सभी बच्चों को इस्लाम धर्म ग्रहण करा दिया था।

इसे बच्चों की मां ने अदालत में चुनौती दी थी। अदालत के फैसले के बाद शिक्षिका इंदिरा गांधी ने कहा, 'अब मैं अपनी बेटी प्रसन्ना दीक्षा के भविष्य को लेकर चिंतित हूं। पता नहीं वह किस हाल में होगी। मुझे मेरी बेटी चाहिए।' बकौल इंदिरा, 'हाई कोर्ट ने 2010 में ही बच्चों का संरक्षण उन्हें प्रदान करने का आदेश पद्मनाथन को दिया था। लेकिन अदालती आदेश आने पर उसने सभी बच्चों का धर्म परिवर्तन करा दिया।'

इंदिरा गांधी का कहना है कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने के लिए उन्होंने अपने परित्यक्त पति के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।

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