फेसबुक ने बिछड़े भाइयों को बहन से 48 साल बाद यूएई में मिलाया
तकरीबन पचास साल पहले बिछड़े भाइयों और बहन की संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबुधाबी में भावुक मुलाकात हुई।
By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Thu, 26 May 2016 07:24 PM (IST)
दुबई, प्रेट्र। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक एक बार फिर बिछड़े परिजनों को मिलाने में अहम भूमिका निभाई है। तकरीबन पचास साल पहले बिछड़े भाइयों और बहन की संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबुधाबी में भावुक मुलाकात हुई।
हमजा सरकार (76) पाकिस्तानी नागरिक हैं, जबकि उनके भाई टीपी मम्मीकुट्टी (75) और बहन ईयाथु (85) भारत में केरल के रहने वाले हैं। पहले हमजा की बेटी आशिया की मम्मीकुट्टी के पोते नादिरशाह से फेसबुक पर जान-पहचान हुई। नादिरशाह इन दिनों अबुधाबी में रहते हैं। इसके बाद बिछड़े दो भाइयों और बहन को यूएई में मिलाने की योजना बनाई गई। गल्फ न्यूज के मुताबिक हमजा 1951 में 11 वर्ष की उम्र में अपने परिवार से बिछड़ गए थे। मम्मीकुट्टी बताते हैं कि घूमने-फिरने के शौकीन हमजा को एक दिन मां ने जानवर चराने के लिए भेजा, लेकिन वह वापस नहीं लौटे। हमजा ने ट्रेन पकड़ी और केरल से कोलकाता पहुंच गए। बकौल हमजा, कोलकाता से वह बांग्लादेश (उस समय पूर्वी पाकिस्तान) और बाद में पाकिस्तान चले गए। 17 साल के बाद वह वर्ष 1968 में राजस्थान की सीमा से भारत लौटे थे। वह बताते हैं कि तीन हफ्ते पैदल चलने के बाद उन्होंने हैदराबाद की बस पकड़ी। हैदराबाद पहुंचकर अपनी मां को पत्र लिखा। मां ने ट्रेन की टिकट के लिए पैसे भेजे तब जाकर वह केरल पहुंचे। परिवार वालों ने उनके लिए किराने की दुकान खुलवा दी। नौ महीने बाद सामान लाने का बहाना बनाकर हमजा फिर पाकिस्तान चले गए थे। इसके बाद वह कभी वापस नहीं लौटे। उनकी बड़ी बहन ईयाथु ने बताया कि उसी वक्त उन्होंने अपने भाई को आखिरी बार देखा था। वह बताती हैं कि मां हमजा की तस्वीर को तकिये के नीचे रखकर रातभर रोती रहती थीं। 48 साल बाद हमजा के कराची में रहने का पता चला। भावुक हमजा सरकार ने बताया कि उन्होंने तो दोबारा अपने परिवार से मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। अब वह उन्हें छोड़कर पाकिस्तान नहीं जाना चाहते हैं।