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खुद को जानने का जरिया बना फेसबुक

फेसबुक अब खुद को जानने का जरिया भी साबित हो रही है। यूजर्स फेसबुक को अपने अंदर झांकने और खुद को बेहतरीन ढंग से समझने का जरिया बना रहे हैं। यह खुलासा ऑस्ट्रेलियाई अनुसंधान परिषद (एआरसी) के एक शोध में हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक, सोशल नेटवर्किग साइटों पर यूजर्स

By Edited By: Updated: Mon, 27 Jan 2014 05:49 PM (IST)
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मेलबर्न। फेसबुक अब खुद को जानने का जरिया भी साबित हो रहा है। यूजर्स फेसबुक को अपने अंदर झांकने और खुद को बेहतरीन ढंग से समझने का जरिया बना रहे हैं। यह खुलासा ऑस्ट्रेलियाई अनुसंधान परिषद (एआरसी) के एक शोध में हुआ है।

ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक, सोशल नेटवर्किग साइटों पर यूजर्स के चिंतन और विचारों को भी जाना जा सकता है।

एआरसी के डॉक्टर थेरेसा ने बताया कि क्रिएटिव इंडस्ट्रीज और अभिनव (सीसीआई) के माध्यम से सोशल साइटों पर यूजर्स के पोस्टों पर उनके विचार व पसंद से उनके व्यवहार के बारे में जाना जा सकता है। यूजर्स के आत्म प्रतिबिंब को भी परखा जा सकता है।

उनके मुताबिक, फेसबुक और ट्विटर के यूजर्स के लेख के माध्यम से भी उन्हें जाना जा सकता है। शोध से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कुछ यूजर्स सिर्फ वाहवाही के लिए ही सोशल साइटों का उपयोग करते हैं।

सोशल साइट्स पर यूजर्स की पसंद और न पसंद भी काफी मायने रखती है। इनके माध्यम से उनके बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है।

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