एड्स से बचाने वाले बैक्टीरिया की पहचान
शोधकर्ताओं को पहली बार मनुष्य की त्वचा की कोशिकाओं को प्रयोगशाला में विकसित करने में सफलता हाथ लगी है। इस खोज से महिलाओं को एचआईवी संक्रमण व अन्य यौन संचारित रोगों से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 'गुड' बैक्टीरिया की पहचान में मदद मिली है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास मेडिकल ब्रांच और कैलिफोर्निया स्थित आ
By Edited By: Updated: Mon, 31 Mar 2014 12:11 PM (IST)
ह्यूस्टन। शोधकर्ताओं को पहली बार मनुष्य की त्वचा की कोशिकाओं को प्रयोगशाला में विकसित करने में सफलता हाथ लगी है। इस खोज से महिलाओं को एचआईवी संक्रमण व अन्य यौन संचारित रोगों से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 'गुड' बैक्टीरिया की पहचान में मदद मिली है।
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास मेडिकल ब्रांच और कैलिफोर्निया स्थित ओक क्रेस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के शोधकर्ता लंबे समय से त्वचा की कोशिकाओं और 'गुड' बैक्टीरिया के बीच के संबंध को समझने का प्रयास कर रहे थे। मनुष्य का स्वास्थ्य उसकी त्वचा पर विकसित होने वाले गुड बैक्टीरिया पर निर्भर करता है। यही गुड बैक्टीरिया एचआईवी वायरस और बैड बैक्टीरिया के खिलाफ रासायनिक अवरोध उत्पन्न करता है। शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में विकसित योनि की त्वचा की कोशिकाओं पर विभिन्न स्त्रीरोगों के दौरान पनपने वाले गुड व बैड बैक्टीरिया का अध्ययन करेंगे। इससे पहले इस तरह के बैक्टीरिया को मनुष्य के शरीर से बाहर विकसित नहीं किया जा सका है। यह शोध 'जर्नल पीएलओएस वन' में प्रकाशित हुआ है। पढ़ें : कम सोने वाले बच्चों में मोटापे का खतरा ज्यादा पढ़ें : स्मोकिंग छुड़वाने में मदद नहीं करती ई-सिगरेट