अमेरिकी सिखों को सेना में शामिल करने के आग्रह पर विचार करेंगे हेगल
वाशिंगटन। अमेरिकी सिखों को सेना में उनके धार्मिक प्रतीक चिन्हों के साथ शामिल करने के आग्रह पर अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगल विचार करेंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने यह बात कही है। दरअसल, संसद के दोनों सदनों के 120 सदस्यों ने हेगल से सिखों को उनके धार्मिक प्रतीक चिन्हों के साथ सशस्त्र सेवाओं में शामि
By Edited By: Updated: Wed, 30 Apr 2014 05:25 PM (IST)
वाशिंगटन। अमेरिकी सिखों को सेना में उनके धार्मिक प्रतीक चिन्हों के साथ शामिल करने के आग्रह पर अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगल विचार करेंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने यह बात कही है।
दरअसल, संसद के दोनों सदनों के 120 सदस्यों ने हेगल से सिखों को उनके धार्मिक प्रतीक चिन्हों के साथ सशस्त्र सेवाओं में शामिल होने की इजाजत देने का आग्रह किया है। पेंटागन के प्रेस सचिव रियर एडमिरल जॉन किर्बी ने पत्रकारों से कहा, 'हम चिंताओं को समझते हैं। रक्षा मंत्री इन पर विचार करेंगे व जवाब देंगे।' साथ ही, कहा कि हेगल ने इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की है। गत मार्च में सांसद व कांग्रेसनल इंडिया कॉकस के सहअध्यक्ष जोए क्राउले नेहेगल को पत्र लिखकर रक्षा विभाग की भर्ती नीति में आवश्यक संशोधन करने का आग्रह किया था, ताकि दुनियाभर में अपने साहस के लिए विख्यात सिख अमेरिकी सशस्त्र बलों में अपने धार्मिक प्रतीक चिन्हों के साथ सेवाएं दे सकें। इस पत्र पर संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के 105 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। गत 24 अप्रैल को 15 प्रभावशाली सीनेटरों ने हेगल को लिखे पत्र में यही बात दोहराई थी। उसके अगले दिन चंदा जुटाने वाले शीर्ष भारतीय अमेरिकी संगठन ने हेगल को इसी प्रकार का पत्र भेजा था। गत जनवरी में पेंटागन द्वारा सैनिकों को उनके धार्मिक विश्वास की कुछ चीजों को पहनने को लेकर नियमों में ढील देने का हवाला देते हुए किर्बी ने कहा कि हमें लगता है कि हमने उस नीति के साथ अच्छा काम किया है और यह सिखों के सेना में शामिल होने में बाधा नहीं है, लेकिन वर्तमान नीति के तहत धार्मिक आस्था से जुडे़ आग्रह को स्वीकार करने के लिए सैनिक को अपने कमांडिंग आफिसर से अनुमति लेनी होगी। नए नियमों के तहत अमेरिकी सेना में दाढ़ी-केश व पगड़ी रखने की छूट कुछ शर्तो के साथ दी गई है। किसी भी विशेष मिशन या ड्यूटी पर तैनात होने वाले सिख या मुस्लिम अधिकारी को अपने सीनियर कमांडर को 60 दिन पहले सूचित करना होगा। वही अधिकारी उनके मामले में फैसला लेगा। साथ ही, यह भी शर्त रखी गई है कि जहां केश या पगड़ी मिशन, सैन्य साजो-सामान या खास किस्म के हथियार चलाने में बाधा बनेंगे, वहां यह छूट नहीं दी जाएगी। हालांकि अमेरिकी सिख समुदाय, सांसद व भारतीय अमेरिकी इन छूट को पर्याप्त नहीं मानते हैं।