कालेधन को बाहर भेजने में भारत शीर्ष पांच में है शामिल
कालेधन पर जारी रिपोर्ट के हवाले से खबर है कि भारत कालेधन को देश से बाहर भेजने के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में है। रिपोर्ट के मुताबिक 2002 से 2011 के बीच भारत कालेधन का दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक रहा। इस दौरान 343.04 अरब डॉलर के बराबर कालेधन देश से बाहर भेजा गया।
By Edited By: Updated: Sat, 14 Dec 2013 09:54 AM (IST)
वॉशिंगटन। कालेधन पर जारी रिपोर्ट के हवाले से खबर है कि भारत कालेधन को देश से बाहर भेजने के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में है। रिपोर्ट के मुताबिक 2002 से 2011 के बीच भारत कालेधन का दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक रहा। इस दौरान 343.04 अरब डॉलर के बराबर कालेधन देश से बाहर भेजा गया। यही नहीं 2011 में तो भारत ने शीर्ष तीन में जगह बना ली। 2013 में 84.93 अरब डॉलर कालेधन देश से बाहर गया और भारत कालेधन का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया।
पढ़ें: 3,000 करोड़ का कालाधन पकड़ाअपराध, भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी विकासशील देशों से 2002-2011 के बीच बाहर गए कालेधन पर तैयार इस रिपोर्ट को वॉशिंगटन बेस्ड रिसर्च एंड एडवोकेसी ऑर्गनाइजेशन ग्लोबल फाइनेंशल इंटीग्रिटी [जीएफआई] ने तैयार किया है। 2011 में विकसित देशों से कुल 946.7 अरब डॉलर की रकम अपराध, भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी जैसी वजहों के कारण कालेधन के रूप में देश से बाहर गई। यह रकम 2010 की तुलना में 13.7 फिसदी ज्यादा थी। 2010 में 832.4 अरब डॉलर कालेधन विकासशील देशों से निकाला गया था।कंगाली में आटा गीला
जीएफआई ने इस बारे में डिटेल रिपोर्ट बुधवार को जारी की है। संस्थान के प्रेजिडेंट रेमंड बेकर के मुताबिक, दुनिया भर में जारी वित्तीय संकट के बीच एक ओर जहां दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं किसी तरह खुद को संभालने में जुटी थीं, वहीं अंडरवर्ल्ड हर साल ज्यादा से ज्यादा पैसा विकासशील देशों से ब्लैकमनी के रूप में विदेश भेज रहा था। उस समय गरीब और अमीर दोनों ही देश आर्थिक बढ़त के लिए जूझ रहे थे।मगर यह भी सच है कि दुनिया के सबसे गरीब देशों से कई ट्रिलियन डॉलर अनाम शेल कंपनियों, टैक्स हेवन सीक्रेसी और ट्रेड के बहाने होने वाली मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए विदेश पहुंचाए जा रहे थे।
5.9 ट्रिलियन डॉलर गंवाएविदेश भेजे गए कालेधन में 2002 और 2011 के बीच बड़ा अंतर आ गया था। 2002 में जहां विकासशील देशों से 270.3 अरब डॉलर भेजा गया वहीं 2011 में यह आंकड़ा 832.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। यानी विकासशील देशों ने इस दौरान 5.9 ट्रिलियन डॉलर कालेधन के रूप में गंवा दिए।एशियाई मुल्क आगे सबसे बड़ी बात कि ब्लैकमनी के दुनिया के टॉप 15 निर्यातक देशों में छह एशियाई देश चीन, मलयेशिया, भारत, इंडोनेशिया, थाइलैंड और फिलिपींस हैं। वहीं अफ्रीका से दो देश नाइजीरिया और साउथ अफ्रीका हैं। यूरोप से चार देश रूस, बेलारूस, पोलैंड और सर्बिया हैं। पश्चिमी गोलार्ध से दो देश मेक्सिको और ब्राजील हैं। वहीं मिडिल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीकी इलाके से सिर्फ एक देश इराक का नाम इसमें शामिल है।पिछले 10 साल में चीन कालेधन को निर्यात करने के मामले में दुनिया में टॉप पोजिशन पर आ चुका है। इस दौरान चीन से 1.08 ट्रिलियन डॉलर ब्लैकमनी विदेश भेजा गया। इसके बाद दूसरे नंबर पर रूस [880.96 अरब डॉलर], मेक्सिको [461.86 अरब डॉलर], मलेशिया [370.38 अरब डॉलर] रहे।
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