जापान भारत को स्मार्ट सिटी और आधुनिकतम इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाओं के लिए 35 अरब डॉलर की मदद देगा। इसमें गंगा सफाई अभियान और ग्रामीण व कौशल विकास भी शामिल होंगे। जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने सोमवार को इस भारी-भरकम राशि का वादा किया। पांच साल में मिलने वाली इस सहायता में इसमें निजी और सरकारी दोनों तरह का निवेश शामिल होगा। उन्होंने कहा कि जापान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी विकास परियोजनाओं में भागीदार बनेगा।
By Edited By: Updated: Tue, 02 Sep 2014 08:51 AM (IST)
टोक्यो। जापान भारत को स्मार्ट सिटी और आधुनिकतम इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाओं के लिए 35 अरब डॉलर (करीब 1,80,000 करोड़ रुपये) की मदद देगा। इसमें गंगा सफाई अभियान और ग्रामीण व कौशल विकास भी शामिल होंगे। जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने सोमवार को इस भारी-भरकम राशि का वादा किया। पांच साल में मिलने वाली इस सहायता में इसमें निजी और सरकारी दोनों तरह का निवेश शामिल होगा। उन्होंने कहा कि जापान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी विकास परियोजनाओं में भागीदार बनेगा।
मोदी के जापान दौरे के तीसरे दिन दोनों देशों के बीच पांच समझौतों पर दस्तखत किए गए। इनमें रक्षा आदान-प्रदान, स्वच्छ ऊर्जा, सड़क, राजमार्ग, स्वास्थ्य और महिलाओं के मामले में सहयोग शामिल हैं। इस दौरान मोदी ने भारत के विकास में जापान के योगदान की जमकर प्रशंसा की। एबे ने भारत में सरकारी-निजी भागीदारी वाली परियोजनाओं के लिए इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड को 50 अरब येन का कर्ज देने का भी एलान किया।
बुलेट ट्रेन को सहायता की पेशकश: शिंजो ने भारत में बुलेट ट्रेन शुरू करने के लिए वित्तीय, तकनीकी और परिचालन संबंधी सहायता मुहैया कराने का प्रस्ताव किया। उन्होंने मोदी के विश्व स्तर का बुनियादी ढांचा बनाने के विजन की जमकर तारीफ की। साथ ही उम्मीद भी जताई की अहमदाबाद-मुंबई कॉरोडोर पर जापानी बुलेट ट्रेन दौड़ेगी। फिलहाल इस परियोजना पर चल रहे अध्ययन की रिपोर्ट मिलने का इंतजार है।
छह भारतीय कंपनियों से हटी पाबंदी: 1998 में राजग सरकार के कार्यकाल में हुए परमाणु परीक्षणों के चलते जापान ने भारत की दस कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। मोदी की यात्रा के दौरान सोमवार को इनमें से छह कंपनियों पर पाबंदी हटाने की घोषणा की गई। इनमें ¨हदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड शामिल है।
जापानी निवेशकों को मोदी का न्योता: मोदी ने जापानी निवेशकों को भारत में बुनियादी ढांचे और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने जापानी निवेश की राह में आने वाली हर बाधा को दूर करने का भी वादा किया। उनके निवेश की सहूलियत को प्रधानमंत्री कार्यालय के स्तर पर विशेष प्रबंधन दल में जापान के दो प्रतिनिधियों को शामिल करने का भी प्रस्ताव किया। मोदी ने यहां सरकार द्वारा रेलवे में 100 प्रतिशत एफडीआइ और रक्षा व बीमा में विदेशी निवेश सीमा बढ़ाने के साहसिक फैसले लागू करने के लिए कानूनी बदलाव करने का भी एलान किया। समाप्त हुआ निराशा का दौर: मोदी ने जापान के उद्योगमंडल निप्पन किएदानरेन और भारत-जापान व्यावसायिक सहयोग समिति द्वारा आयोजित बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा, 'मैं गुजराती हूं और कारोबार मेरे खून में है।' उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। कहा, 'मेरी सरकार के 100 दिन के काम को देखें। इससे पहले आर्थिक विकास दर 5-5.4 प्रतिशत के आसपास थी। इससे निराशा का माहौल था। पहली तिमाही में 5.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। यह बड़ा उछाल है। अब नई उम्मीद बंधी है। निराशा का दौर अब खत्म हो चुका है।' बैठक में दोनों देशों के शीर्ष उद्योगपति उपस्थित थे। करेंगे टैक्स व वित्तीय सुधार: इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के कामकाज में सुधार उनकी प्राथमिकता है। एकल खिड़की मंजूरी इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है। कारोबारी माहौल बेहतर करने के लिए कर और वित्तीय क्षेत्र में सुधारों को लेकर उनकी सरकार प्रतिबद्ध है। 'मैं सरकार और उद्योग के बीच समन्वय के महत्व को अच्छी तरह समझता हूं। गुजरात में किए गए प्रयोग को राष्ट्रीय स्तर पर दोहराना चाहता हूं।'
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