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चीन की सेना नहीं, अर्थव्यवस्था को देखे भारत

बीजिंग। चीन ने भारत को बीजिंग के साथ सैन्य होड़ करने के बजाय आर्थिक संबंध बढ़ाने पर ध्यान देने की नसीहत दी है। भारत-चीन युद्ध की 50वीं सालगिरह के पहले चीनी मीडिया ने कहा है कि भारत को चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को नहीं बल्कि उसकी अर्थव्यवस्था को देखना चाहिए।

By Edited By: Updated: Thu, 18 Oct 2012 08:41 PM (IST)

बीजिंग। चीन ने भारत को बीजिंग के साथ सैन्य होड़ करने के बजाय आर्थिक संबंध बढ़ाने पर ध्यान देने की नसीहत दी है। भारत-चीन युद्ध की 50वीं सालगिरह के पहले चीनी मीडिया ने कहा है कि भारत को चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को नहीं बल्कि उसकी अर्थव्यवस्था को देखना चाहिए।

भारतीय मीडिया में इन दिनों प्रकाशित हो रहे लेखों पर ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत में कुछ लोग हमारी बढ़ती सैन्य ताकत से चिंतित हैं। उन्हें लगता है कि चीन फिर से हमले जैसी कोई कार्रवाई कर सकता है। लेख में चीनी सेना की ताकत की तारीफ की गई है। इसमें लिखा गया है कि चीन की सेना आधुनिक हथियारों और साजो-सामान से लैस है। ये भारतीय सेना से कहीं बेहतर हैं। चीन ने सीमा की सुरक्षा पर खर्च बढ़ाया है।

अखबार का मानना है कि भारत और चीन के बीच असली खाई अर्थव्यवस्था में है। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। टाइम्स ने लिखा कि भारत को इस खाई को पाटने की ओर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। सैन्य होड़ से कुछ नहीं मिलने वाला। भारत के पूर्व में भी बदलाव आ रहे हैं। म्यांमार आर्थिक सुधार के रास्ते पर निकल चुका है। पूर्वी एशिया में बढ़ रहा आर्थिक समृद्धि का बुखार जल्द भारत पहुंचेगा। भारत की सैन्य ताकत भले ही चीन से उसे सुरक्षित रखे, लेकिन आर्थिक दबाव का सामना उसे करना ही होगा।

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