Move to Jagran APP

प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे ईरान, हो सकते हैं कई अहम करार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को ईरान पहुंच चुके हैं। ऐसी उम्मीद है कि उनके इस दौरे से ऊर्जी समझौते को मजबूती मिलेगी।

By Rajesh KumarEdited By: Updated: Mon, 23 May 2016 10:49 AM (IST)
Hero Image

तेहरान, प्रेट्र : व्यापार और निवेश के साथ ही ऊर्जा समझौतों को मजबूती मिलने की उम्मीद के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ईरान में कदम रखा। उनकी इस दो दिवसीय यात्रा में चाबहार बंदरगाह को विकसित करने पर महत्वपूर्ण समझौता होने की उम्मीद है। चाबहार बंदरगाह समझौते पर हस्ताक्षर के समय भारत के सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहेंगे।

ईरान पहुंचते ही मोदी ने ट्वीट किया, 'ईरान पहुंच गया। इस देश के साथ सभ्यता जुड़ी है। मुझे उम्मीद है कि मेरी ईरान यात्रा से सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच रिश्ते और मजबूत होंगे।'

पिछले 15 वर्षो के दौरान ईरान पहुंचने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। मेहराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ईरान के वित्त एवं आर्थिक मामलों के मंत्री अली तैयबनी ने उनका स्वागत किया। यहां से प्रधानमंत्री भाई गंगा सिंह सभा गुरुद्वारा पहुंचे। यहां मत्था टेकने के बाद प्रधानमंत्री ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रसार और संरक्षण के लिए ईरानी सिख समुदाय के प्रयासों की सराहना की।

ये भी पढ़ें- ईरान और भारत के लिए आज का दिन है खास, ये होंगेे अहम मुद्दे

औपचारिक स्वागत समारोह के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ बातचीत करेंगे। राष्ट्रपति रूहानी उनके सम्मान में भोज भी देंगे। स्वदेश वापसी के पहले मोदी ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामनेई से भी मुलाकात करेंगे।

दो दिनों की यात्रा के दौरान मोदी भारत और ईरान संबंधों का 'पुनरावलोकन और संभावना' पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन भी करेंगे।

चाबहार बंदरगाह के फेस-1 के विकास से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर के अलावा भारत अपना तेल आयात दोगुना करने का प्रयास करेगा। कुछ वर्षो पहले तक भारत के लिए ईरान दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश था। इसके अलावा भारत ऊर्जा के मामले में संपन्न देश में एक विशाल गैस फील्ड को विकसित करने का अधिकार हासिल भी प्रयत्न करेगा।

ईरान में कदम रखने से पहले प्रधानमंत्री ने ईरान की समाचार एजेंसी इरना से कहा था कि प्रतिबंध हटने के बाद ईरान में ढेर सारे अवसरों का द्वार खुल गया है। भारत व्यापार, निवेश, बुनियादी ढांचा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में अपना सहयोग बढ़ाने पर नजरें जमाए हुए है।