UN में भारत की खरी-खरी, कहा- बलूच मुद्दे पर पाकिस्तान क्यों है खामोश
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 33वें सत्र के दौरान बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत अजित कुमार ने कहा कि पाकिस्तान का निराशाजनक प्रदर्शन सर्वविदित है।
जेनेवा, प्रेट्र । संयुक्त राष्ट्र में पहली बार बलूचिस्तान का मुद्दा उठाते हुए भारत ने पाकिस्तान पर वहां मानवाधिकार हनन करने का आरोप लगाया है। भारत ने कहा है कि गुलाम कश्मीर में भी वैसा ही रवैया अपनाया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 33वें सत्र के दौरान बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत अजित कुमार ने कहा कि पाकिस्तान का निराशाजनक प्रदर्शन सर्वविदित है। उन्होंने कहा, 'कश्मीर में अशांति का बुनियादी कारण पाकिस्तान पोषित सीमा पार का आतंकवाद है। पाकिस्तान यहां के अलगाववादी समूहों और आतंकवादियों को 1989 से सक्रिय मदद करता चला आ रहा है।
यहां सक्रिय आतंकवादी पाकिस्तानी नियंत्रण वाले क्षेत्र से संचालित होते हैं।'उन्होंने कहा कि कई देश उससे सीमा पार से घुसपैठ पर लगाम लगाने की अपील कर चुके हैं। इतना ही नहीं पाकिस्तान से आतंकी ढांचा खत्म करने और आतंकवाद के उत्पादन केंद्र की भूमिका से बाज आने को भी कहा जाता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की छवि एक बहुलवादी समुदाय वाले शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक देश की है। इसके विपरीत पाकिस्तान की पहचान लोकतांत्रिक मूल्यों से हीन निरंकुश देश की है।
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इस देश को बलूचिस्तान के साथ ही पूरे देश में मानवाधिकार हनन के लिए जाना जाता है।पाकिस्तान के वक्तव्य का जवाब देने के अपने अधिकार को सामने रखते हुए कुमार ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसने चरणबद्ध तरीके से अपने ही नागरिकों के मानवाधिकार का उल्लंघन किया है। बलूचिस्तान के निवासियों को ही नहीं गुलाम कश्मीर में रहने वालों को भी नहीं बख्शा है।
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