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मंगोलिया से रक्षा करार, भारत देगा 63 अरब रुपये का कर्ज

भारत ने मंगोलिया के साथ रक्षा करार किया है। यह ऐसा देश है जो दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में चीन से घिरा है। दोनों देशों ने रक्षा सहयोग बढ़ाने और सामरिक साझेदार बनने का फैसला किया है। भारत ने मंगोलिया को एक अरब डॉलर (63 अरब रुपये) का ऋण देने

By Sumit KumarEdited By: Updated: Mon, 18 May 2015 03:14 AM (IST)

उलान बटोर। भारत ने मंगोलिया के साथ रक्षा करार किया है। यह ऐसा देश है जो दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में चीन से घिरा है। दोनों देशों ने रक्षा सहयोग बढ़ाने और सामरिक साझेदार बनने का फैसला किया है। भारत ने मंगोलिया को एक अरब डॉलर (63 अरब रुपये) का ऋण देने की भी घोषणा की है।

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में दोनों देशों ने 13 आपसी सहयोग के समझौते भी किए। मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जो मंगोलिया पहुंचे हैं। दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे मोदी ने राजधानी उलान बटोर में मंगोलिया के प्रधानमंत्री चेम्ड सैखानबिलेग के साथ मुलाकात के बाद साझा संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। बड़े शहर उलान बटोर में मंगोलिया की करीब 38 फीसदी आबादी रहती है।

मोदी ने कहा कि भारत मंगोलिया के आर्थिक विकास व बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 63 अरब रुपये का ऋण देगा। दोनों देश द्विपक्षीय साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। मंगोलिया भारत की 'पूरब की ओर देखो' (लुक ईस्ट पॉलिसी) नीति का अभिन्न हिस्सा है।

दोनों देशों का भाग्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र की दृष्टि से जुड़ा है। हम क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। साझा प्रेस कांफ्रेंस के बाद दोनों देशों ने मित्रतापूर्ण संबंधों व सहयोग की संधि के नवीकरण पर सहमति जताई। भारत तीसरा पड़ोसीइस मौके पर मंगोलियाई प्रधानमंत्री सैखानबिलेग ने भारत को तीसरा और आध्यात्मिक पड़ोसी बताया। मंगोलिया की सीमा रूस से भी लगती है। वह बौद्ध धर्म का अनुयायी है।

रूस व चीन से उसके ठंडे रिश्ते हैं, लेकिन मोदी की यात्रा ने भारत से उसके रिश्तों में गर्मजोशी ला दी है। मोदी ने राष्ट्रपति राष्ट्रपति साखिगिन इलबेडोर्ज से भी मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों व परस्पर हितों पर चर्चा की। इन क्षेत्रों में हुए समझौतेभारत-मंगोलिया ने सीमा की रक्षा, पुलिसिंग, निगरानी, हवाई सेवाएं, साइबर सुरक्षा व अक्षय ऊर्जा, कैदियों की अदला-बदली समेत 13 क्षेत्रों में सहयोग के समझौते किए। मंगोलिया को तीन सौगात- मोदी ने मंगोलिया के नेशनल कैंसर सेंटर को इलाज के लिए बार्क द्वारा तैयार 'भाभाट्रॉन' मशीन भेंट की।

-अटल बिहारी वाजपेयी सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की आधारशिला रखी।

-राष्ट्रपति इलबेडोर्ज को रामपुर की रजा लाइब्रेरी द्वारा तैयार 13वीं सदी की मंगोल इतिहास की दुर्लभ पांडुलिपि की प्रतिकृति भेंट की।

मोदी ने मेले में चलाया धनुष, भेंट में मंगोल घोड़ा-मंगोलिया के राष्ट्रपति एल्बगडरोज ने मोदी को मोरिन खुउर (दो तार वाली विशेष सारंगी) भेंट की।

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-मोदी ने मंगोलिया के परंपरागत मिनी नादाम मेले में भी शिरकत की। उन्होंने परंपरागत वेशभूषा में पूरे आत्मविश्वास के साथ धनुष से बाण भी चलाया।

-दोनों नेताओं ने राजधानी उलान बटोर से 25 किमी दूर चिनगिसिन खुरी कैंप में कुश्ती, तीरंदाजी व घुड़सवारी भी देखी। -प्रधानमंत्री सैखानबिलेग ने मोदी को मंगोलियाई घोड़ा कंठका भी भेंट किया।

मंगोलियाई सुरक्षा कौशल पर किसी को शक नहींमोदी ने रविवार को बुलाए गए मंगोलिया के स्टेट ग्रेट हुराल (संसद) के विशेष सत्र को भी संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारा रक्षा सहयोग बढ़ रहा है। हम एक-दूसरे से काफी कुछ सीख सकते हैं। मंगोलियाई सुरक्षा कौशल पर किसी को भी शक नहीं है। हमें संयुक्त रक्षा अभ्यास पर गर्व है। भारत मंगोलिया में साइबर सिक्योरिटी सेंटर व सुरक्षा प्रतिष्ठान भी स्थापित करेगा।

चंगेज खान ने की थी मंगोल साम्राज्य की स्थापना -

वर्ष 1206 में चंगेज खान द्वारा मंगोल साम्राज्य की स्थापना की गई थी, लेकिन युआन राजवंश के पतन के बाद मंगोल अपने पुराने रहन-सहन पर लौट आए।-16 वीं और 17 वीं शताब्दी में मंगोलिया तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रभाव में आया।

-17वीं सदी के अंत में मंगोलिया के अधिकांश क्षेत्र में क्विंग राजवंश का शासन हो गया।

-1911 में स्वतंत्र राष्ट्र बना।

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