भारतीय मूल के अमेरिकी किशोर ने बना डाला इतना सस्ता हियरिंग एड
भारत में अपने दादा की पीड़ा देख भारतीय मूल के अमेरिकी किशोर ने सस्ता श्रवण यंत्र (हियरिंग एड) बना डाला।
ह्यूस्टन। भारत में अपने दादा की पीड़ा देख भारतीय मूल के अमेरिकी किशोर ने सस्ता श्रवण यंत्र (हियरिंग एड) बना डाला। केंटुकी के लुइसविले सिटी में रहने वाले मुकुंद वेंकटकृष्णन (16) को यह यंत्र बनाने में दो वर्ष का समय लगा। इसकी कीमत महज 60 डॉलर (3,988 रुपये) है।
मुकुंद ने इस यंत्र को सबसे पहले जेफर्सन काउंटी पब्लिक स्कूल के आइडिया फेस्ट में पेश किया था। उन्हें हाल में केंटुकी स्टेट साइंस एंड इंजीनियरिंग फेयर में इसके लिए पहला पुरस्कार दिया गया। हियरिंग एड में आवाज को घटाने बढ़ाने की सुविधा देने के कारण उपकरण की कीमत बढ़ जाती है। लेकिन मुकुंद तकनीक के जरिये कम कीमत में आवाज घटाने-बढ़ाने वाला उपकरण बनाने में कामयाब रहा।
डूपोंट मैनुअल हाई स्कूल के छात्र मुकुंद ने कहा, 'हियरिंग एड से डॉक्टर की जरूरत खत्म हो जाएगी। इस यंत्र से सुनने की क्षमता में कमी के स्तर को देखते हुए आवाज को बढ़ाया जा सकता है। अभी आमतौर पर अमेरिका में इस तरह के उपकरण के लिए तकरीबन 1,500 डॉलर (99,719 रुपये) खर्च करने पड़ते हैं। जबकि यह उपकरण सिर्फ साठ डॉलर में मिल सकता है। उन्होंने बताया कि आवाज को बढ़ाने वाले प्रोसेसर पर 45 डॉलर और अन्य सामग्रियों पर 15 डॉलर का खर्च आता है।
मुकुंद दो साल पहले जब अपने पुश्तैनी घर बेंगलुरु आए थे तो उन्होंने अपने दादा की परेशानी देखी। उनके श्रवण यंत्र की प्रक्रिया बहुत जटिल थी। उसके बाद उन्होंने हियरिंग एड पर काम शुरू किया था। बड़ी मात्रा में यंत्र के उत्पादन को लेकर कई फाउंडेशन ने मुकंद से संपर्क साधा है।