इस भारतीय वैज्ञानिक ने केलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी को दान किए 11 मिलियन डॉलर
भारतीय मूल के भौतिक वैज्ञानिक ने केलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी को 11 मिलियन डॉलर का दान किया है। यह यनिवर्सिटी के इतिहास में सबसे बड़ी दान राशि है।
वाशिंगटन। भारतीय मूल के अमेरिकी भौतिक वैज्ञानिक मणी भूमिक ने केलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी को 11 मिलियन डॉलर दान किए हैं। उन्होंने यह दान एक ऐसा केंद्र बनाने के लिए दिया है जहां प्रकृति के मूल नियमों पर अधिक जानकारी मिल सकेे और इस पर ज्यादा अध्ययन किया जा सके। यह पहला मौका है जब किसी ने केलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी को इतनी बड़ी धनराशि दान की हो। यूनिवर्सिटी के चांसलर जेन ब्लॉक ने इस पर भूमिक को धन्यवाद दिया है।
गरीबी में पले और अपनी मेहनत के दम पर दुनिया में नाम रोशन करने वाले भूमिक ने लेजर तकनीक में काफी शोहरत पाई है। उनकी बदौलत दुनिया में लेसिक आई सर्जरी का मार्ग खुला। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक पश्चिम बंगाल के एक छोटे से गांव में जन्में भूमिक अपने छह भाई बहनों में से एक थे। वह बताते हैं कि स्कूल की पढ़ाई के दौरान उनके पास एक जोड़ी जूते भी नहीं होते थे। 16 वर्ष की आयु तक वह करीब चार मील पैदल चलकर अपने स्कूल पहुंचते थे, वह भी नंगे पांव।
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प्रख्यात वैज्ञानिक सत्येंद्र बोस के सानिध्य में अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने वाले भूमिक ने यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता से अपनी मास्टर डिग्री पूरी की। इसके बाद भूमिक आईआईटी कानपुर से भौतिक विज्ञान में डॉक्टरेट करने वाले पहले वि़द्यार्थी थे। इसके बाद वह 1959 में यूनिवर्सिटी ऑफ केलिफॉर्निया चले गए। उस वक्त उनकी जेब में महज तीन डॉलर थे। लेकिन अपने गांव के लोगों की मदद से वह इसमें सफल हुए। उनके गांववालों ने उनकी विदेश में पढ़ाई के लिए चंदा इकटठा किया और उनके अमेरिका जाने का टिकट मुहैया करवाया।
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1961 में उनहोंने जीरोक्स इलेक्ट्रो-ऑप्टीकल सिस्टम में बतौर लेजर साइंटिस्ट ज्वाइन किया। बाद मेंं वह नॉर्थरॉप कारपोरेट रिसर्च लैब की लेजर टेक्नॉलीजी लेब में डायरेक्टर भी बने। भारत सरकार से भूमिक को पद्म श्री के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।