Move to Jagran APP

ओरलैंडो में गोलीबारी के बीच भगवान बना यह भारतीय युवक, बचाई 50 की जान

ओरलैंडो के नाइटक्‍लब में हुई भीषण गोलीबारी में भी एक भारतीय मूल का युवक डरा नहीं। उसने वहां मौजूद 50 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। अब वह उनकी निगाह में हीरो से कम नहीं है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 17 Jun 2016 04:58 PM (IST)
Hero Image

ओरलैंडो। पिछले दिनों ओरलैंडो के समलैंगिक नाइटक्लब में हुई गोलीबारी के दौरान एक भारतीय मूल के युवक को किसी हीरो के माफिक सराहा जा रहा है। इसकी वजह है कि इस युवक ने गोलीबारी के दौरान वहां मौजूद करीब पचास लोगों की जान बचाई। इमरान पूर्व अमेरिकी मरीन सार्जेंट है। दक्कन क्रॉनिकल की खबर के मुताबिक जिस वक्त यह घटना घटी उस वक्त इमरान नाइटक्लब में बतौर बाउंसर तैनात थे।

शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए भारत को यूरेनियम की आपूर्ति करेगा नामिबिया

इसी दौरान अचानक गोलीबारी शुरू हो गई। उन्होंने अपनी जान की परवाह न किए बिना वहां मौजूद लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई। जिन लोगों की इमरान की वजह से जान बची वह उन्हें किसी हीरो या फिर भगवान की तरह मान रहे हैं। गौरतलब है कि यूसुफ की मां व नानी हिंदू हैं। ओरलैंडों मामले को यूसुफ अमेरिका के इतिहास में अब तक का सबसे भीषण गोलीकांड मानते हैं। यूसुफ ने पिछले माह ही मरीन कॉर्प्स छोड़ दी। समाचार-पत्र 'मरीन कोर्प्स टाइम्स' के मुताबिक उन्हें सर्विस में रहते हुए नेवी एंड मरीन कॉर्प्स अचीवमेंट मेडल से सम्मानित किया गया था।

भारत में बढ़ी हैं धार्मिक सौहार्द बिगाड़नें की घटनाएं

अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक उस दिन जब उन्होंने नाइटक्लब में गोली चलने की पहली आवाज सुनी, तो अपने सैन्य अनुभव से तुरंत खतरे को भांप लिया। नाइटक्लब में उस वक्त मौजूद सभी लोग डर से कांप रहे थे, ऐसे में यूसुफ खतरे को नजरअंदाज कर अपनी जान जोखिम में डालते हुए आगे बढ़े और नाइटक्लब का पिछला दरवाजा खोल दिया जिससे कई लोग बाहर निकलने में कामयाब रहे। हालांकि उन्हें आज भी इस बात का अफसोस है कि वह वहां मौजूदा और अधिक लोगों को नहीं बचा सके और वह गोलीबारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठे।

भारत की पीठ में अमेरिका ने घोंपा खंजर, पाक को देगा 5300 करोड़ रुपये

अपने उन पलों को याद करते हुए इमरान यूसुफ ने बताया कि नाइटक्लब में हॉल के पीछे लोग डर से चिल्ला रहे थे और वह दरवाजा खुलवाने के लिए आवाज लगा रहे थे। वहां मौजूद सभी लोग गोलीबारी से डरे सहमे कांप रहे थे। उन्होंने कहा कि उनके पास कोई विकल्प नहीं था। या तो वह वहीं रुके रहते और मर जाते या मैं खतरा मोल लेता और वह कुंडी खोलने के लिए कूद पड़ते। लिहाजा वह दूसरा तरीका अमल में लाए और लोगों की जान बचाने में कामयाब हुए।

ब्रिटेन के ईयू से अलग होने की आशंका से ग्लोबल मार्किट में भूचाल

ब्रिटेन की महिला सांसद जो कॉक्स की एक हमले में मौत