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तेल रिफायनरी पर नियंत्रण के लिए सेना और विद्रोहियों में घमासान

इराक की सबसे बड़ी बैजी तेल रिफाइनरी पर कब्जे के लिए विद्रोहियों और सेना के बीच जबरदस्त घमासान जारी है। इराक की हवाई हमले की अपील के बावजूद अमेरिका फिलहाल कार्रवाई से हिचक रहा है। इस बीच इराक के प्रधानमंत्री नूरी अल-मलीकी ने इस्तीफे देने से इन्कार कर दिया।

By Edited By: Updated: Thu, 19 Jun 2014 09:42 PM (IST)
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बगदाद। इराक की सबसे बड़ी बैजी तेल रिफाइनरी पर कब्जे के लिए विद्रोहियों और सेना के बीच जबरदस्त घमासान जारी है। इराक की हवाई हमले की अपील के बावजूद अमेरिका फिलहाल कार्रवाई से हिचक रहा है। इस बीच इराक के प्रधानमंत्री नूरी अल-मलीकी ने इस्तीफे देने से इन्कार कर दिया।

राजधानी बगदाद से करीब 200 किमी दूर तिकरित के समीप बैजी रिफायनरी पर नियंत्रण के लिए जबरदस्त संघर्ष चल रहा है। सरकारी सेनाओं का दावा है कि उन्होंने तेल रिफायनरी पर फिर नियंत्रण कर लिया है। हालांकि रिफायनरी में मौजूद कर्मचारियों का कहना है कि विद्रोही अब भी रिफायनरी के अंदर मौजूद हैं और सेना से मुकाबला कर रहे हैं।

माना जा रहा है कि इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट के (आइएसआइएल) के विद्रोहियों का रिफायनरी के बड़े हिस्से पर कब्जा बना हुआ है। अल-अरबिया टेलीविजन द्वारा प्रसारित एक वीडियो में रिफायनरी के एक सयंत्र से धुआं निकलते और एक इमारत पर आइएसआइएल का काला झंडा लहराते दिख रहा है।

एक श्रमिक ने फोन पर बताया कि 250-300 श्रमिकों को इराकी सेनाओं ने गुरुवार सुबह बाहर निकाल लिया। उन्होंने बताया कि विद्रोहियों के कब्जे वाले स्थानों पर रात में सेना के हेलीकॉप्टरों ने हमला किया था। बैजी रिफायनरी सद्दाम हुसैन के गृहनगर तिकरित से 40 किमी दूर है।

इराकी प्रधानमंत्री की हवाई हमले की अपील के बावजूद अमेरिकी किसी भी कार्रवाई से हिचकता लग रहा है। उल्टे अमेरिकी अधिकारी मान रहे हैं कि इराक के मौजूदा हाल के लिए इराकी सरकार की गलत नीतियां ज्यादा जिम्मेदार हैं।

इस बीच इराकी प्रधानमंत्री नूरी अल-मलिकी ने इस्तीफा देने से इन्कार कर दिया। गौरतलब है कि अमेरिका के शीर्ष राजनीतिज्ञों ने ओबामा पर दबाव बनाया है कि इराक के सुन्नी विद्रोहियों पर हवाई हमला उसी सूरत में किया जाए जब इराकी प्रधानमंत्री मलिकी अपने पद से हट जाएं। इराकी प्रधानमंत्री के प्रवक्ता जुहैर अल नाहर ने 'द गार्डियन' से कहा, 'हमारा मुख्य ध्यान तुरंत कार्रवाई यानि हवाई, साजो सामान और खुफिया समर्थन के रूप में होना चाहिए ताकि हम उन आतंकवादियों को हरा सकें, जो इराक की स्थिरता और सारी दुनिया के लिए वास्तविक खतरा बने हुए हैं।' उन्होंने ये भी कहा कि मलिकी ने कभी इराक में अलगाववादी नीतियां नहीं अपनाईं।

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