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तिकरित पर दोबारा कब्जे के लिए इराकी सेना का जबरदस्त हमला

इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन के गृहनगर तिकरित को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए इराकी सेना ने शनिवार को जबादस्त हवाई और जमीनी हमला बोला। वायुसेना ने जहां बम बरसाए वहीं हजारों सैनिकों ने समूचे शहर को घेर लिया। समूचा ऑपरेशन अमेरिकी रक्षा सलाहकारों की मदद से चलाया जा रहा है। अमेरिका ने अपने नागरिकों की रक्षा के लिए बगदाद के ऊपर ड्रोन तैनात कर दिए हैं।

By Edited By: Updated: Sun, 29 Jun 2014 07:13 AM (IST)
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बगदाद। इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन के गृहनगर तिकरित को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए इराकी सेना ने शनिवार को जबादस्त हवाई और जमीनी हमला बोला। वायुसेना ने जहां बम बरसाए वहीं हजारों सैनिकों ने समूचे शहर को घेर लिया। समूचा ऑपरेशन अमेरिकी रक्षा सलाहकारों की मदद से चलाया जा रहा है। अमेरिका ने अपने नागरिकों की रक्षा के लिए बगदाद के ऊपर ड्रोन तैनात कर दिए हैं।

सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल सबह फतलावीने बताया कि हवाई हमलों में सुन्नी आतंकियों को निशाना बनाया गया। इन्होंने तिकरित के उत्तर में स्थित यूनिवर्सिटी कैंपस में मोर्चाबंदी की हुई है। तिकरित मुख्य रूप से सुन्नी आबादी वाला शहर है। बीते सप्ताह इस पर इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया [आइएसआइएस] ने कब्जा कर लिया था। फतलावी ने बताया कि नजदीकी शहर समारा से हजारों सैनिक तिकरित पहुंचे हैं। आइएसआइएस के पास दो ही रास्ते हैं। या तो वे भाग जाएं या फिर मरने के लिए तैयार रहें लेकिन वास्तविकता यह है कि यह शहर अब भी आतंकियों के कब्जे में है और वे गलियों में गश्त लगा रहे हैं।

एक सूत्र ने कहा कि बगदाद के दक्षिण में सुरक्षा बलों और आतंकियों में जबरदस्त लड़ाई हुई है। उसमें कम से कम 21 सैनिक और दर्जनों आतंकी मारे गए हैं। राजधानी से 50 किलोमीटर बाहर जुर्फ अल सखार के पास घंटों लड़ाई हुई।

दूसरी ओर, कुर्दो ने प्रसिद्ध पेशमेरगा सुरक्षा बलों को अपने स्वायत्त क्षेत्र में तैनात कर दिया है। सेवानिवृत्त लड़ाकों से भी स्वेच्छा से हथियार उठाने को कहा गया है। पेशमेरगा सुरक्षा बल कुर्दिश राष्ट्रवादियों के प्रति निष्ठा को लेकर प्रसिद्ध है। इसने इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन की सेना के खिलाफ लंबे समय तक गुरिल्ला युद्ध लड़ा था।

इराक के शीर्ष शिया मौलवी अयातुल्ला अली अल-शीसतानी ने राजनीतिक नेताओं से एकजुट होकर नई सरकार की स्थापना करने को कहा है, जो सुन्नी चरमपंथियों से लड़ सके।

देश में राष्ट्रीय एकता सरकार के गठन के लिए दबाव बढ़ रहा है। मौजूदा प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी तीसरी बार सत्ता में बने रहना चाहते हैं। हालांकि, कई लोग मौजूदा संकट के लिए उन्हें जिम्मेदार मानते हैं। उनका आरोप है कि मलिकी की अलगाववादी नीतियों ने इराक के सुन्नी अल्पसंख्यकों के बीच आइएसआइएस को लोकप्रिय कर दिया। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी चेतावनी जारी करते हुए प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के निर्देश दिए हैं। चीनी कंपनी के 1,200 से ज्यादा मजदूरों को युद्धग्रस्त उत्तरी इराक के समारा शहर से सुरक्षित निकालकर बगदाद ले जाया गया है।

सऊदी किंग ने केरी को दिया मदद का आश्वासन

रियाद। सऊदी अरब के किंग अब्दुल्ला ने अमेरिकी विदेश मंत्री को आश्वासन दिया है कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सुन्नी नेताओं को इराक की नई सरकार में शामिल होने के लिए राजी कराएंगे। हालांकि, उन्होंने इराक के प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी को हटाए जाने पर जोर दिया। केरी ने हाल ही में अरब देशों का दौरा कर वहां की सरकारों से इराक संकट के समाधान की अपील की थी।

''इराक की घटना शिया और सुन्नी का संघर्ष नहीं है। यह आतंकवाद के समर्थकों एवं विरोधियों के बीच की लड़ाई है। यह अमेरिका और पश्चिमी देशों के मुरीदों और अपने देश की स्वतंत्रता के हिमायतियों के बीच का युद्ध है।''

- अयातुल्लाह अली खामनेई

ईरान के सर्वोच्च नेता