Move to Jagran APP

इराक की सबसे बड़ी रिफाइनरी के बड़े हिस्से पर विद्रोहियों का कब्जा

इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवांट (आइएसआइएल) के विद्रोहियों ने बुधवार को इराक की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी पर हमला कर इसके बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। वहीं किरकुक में विद्रोहियों द्वारा 60 विदेशियों को बंधक बनाए जाने की भी खबरें हैं।

By Edited By: Updated: Thu, 19 Jun 2014 08:19 AM (IST)
Hero Image

बगदाद। इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवांट (आइएसआइएल) के विद्रोहियों ने बुधवार को इराक की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी पर हमला कर इसके बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। वहीं किरकुक में विद्रोहियों द्वारा 60 विदेशियों को बंधक बनाए जाने की भी खबरें हैं।

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय समयानुसार, सुबह साढ़े चार बजे के करीब तेल रिफाइनरी पर हमला हुआ। विद्रोहियों के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर एक दिन पहले ही रिफाइनरी को पूरी तरह बंद कर वहां कार्यरत सभी विदेशी कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया था। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नूरी अल-मलीकी ने कई उच्च सैन्य कमांडरों को बर्खास्त करने की घोषणा की। संकट को टालने के लिए मलीकी ने विरोधियों से भी संपर्क साधा है। बर्खास्त किए गए अधिकारियों में निनेवेह के कमांडर शामिल हैं।

सबसे पहले 9 जून को इसी क्षेत्र में विद्रोहियों का हमला हुआ था। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैदान छोड़कर भागने के लिए एक अधिकारी का कोर्ट मार्शल भी होगा। दूसरी ओर तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा कि बगदाद स्थित उनके दूतावास से सूचना मिली है कि किरकुक में भवन निर्माण में लगे 60 विदेशी नागरिकों को विद्रोहियों ने बंधक बना लिया है। ये सभी वहां एक अस्पताल के निर्माण कार्य में लगे थे। बंधकों में पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और तुर्कमेनिस्तान के नागरिक शामिल हैं।

हवाई हमले को लेकर संशय में अमेरिका

कुछ दिन पहले ही इराक में हवाई हमले की संभावना जताने वाला अमेरिका संशय में है। अधिकारियों ने कहा कि संभावनाएं कम हैं कि राष्ट्रपति बराक ओबामा हवाई हमलों की अनुमति देंगे। इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। अमेरिका वहां की स्थानीय सेना को प्रशिक्षण देने के लिए अपनी टुकड़ी भेजने पर विचार कर रहा है। ओबामा इराकी प्रधानमंत्री नूरी अल मलीकी पर प्रशासन को ज्यादा समावेशी बनाने का दबाव डाल रहे हैं।

धर्मस्थलों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध

ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा कि इराक में शिया धर्मस्थलों की रक्षा के लिए ईरान हरसंभव कदम उठाएगा। रुहानी ने बुधवार को हमलावरों को मिटाने और धर्मस्थलों की रक्षा के लिए लड़ने की इच्छा रखने वाले ईरानी नागरिकों के हस्ताक्षर वाली याचिका भी पेश की।

पढ़ें: इराक का संकट

पढ़ें: इराक ने अमेरिका से लगाई मदद की गुहार