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आइएस की हैवानियतः 43 लोगों को पिंजरे में बंद कर जिंदा जलाया

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) की बर्बरता थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा घटना में आइएस ने इराक के अनबर प्रांत में 43 लोगों को जिंदा जलाकर मार डाला। स्थानीय सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने इन सभी को युद्धग्रस्त अल-बगदादी के सुन्नी कबीले अल्बु-अबेद से पकड़ा

By anand rajEdited By: Updated: Sun, 22 Feb 2015 10:07 AM (IST)
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बगदाद। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) की बर्बरता थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा घटना में आइएस ने इराक के अनबर प्रांत में 43 लोगों को जिंदा जलाकर मार डाला। स्थानीय सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने इन सभी को युद्धग्रस्त अल-बगदादी के सुन्नी कबीले अल्बु-अबेद से पकड़ा था। आतंकियों ने इन सभी को लोहे के पिंजरों में बंद करके आग लगा दी।

सूत्रों का कहना है कि मारे गए लोग स्थानीय पुलिस और सरकार द्वारा संरक्षित सहवा पैरामिलिट्री समूह के सदस्य थे। इन्हें हाल में आतंकियों के कब्जे वाले शहर हीत में भेजा गया था। पिछले दस दिनों में आतंकियों ने इस क्षेत्र में 70 और लोगों को मौत के घाट उतारा है। इस दौरान आतंकियों ने अल-बगदादी और नजदीकी एयरबेस ऐन अल-असद पर व्यापक पैमाने पर हमला किया है। एयरबेस पर हुए हमलों को सुरक्षाबलों और अमेरिकी विमानों ने असफल कर दिया था।

मोसुल पर कार्टर ने साधी चुप्पी

अमेरिका के नए रक्षामंत्री एश्टन कार्टर ने भूल सुधारते हुए मोसुल पर इराकी हमले को लेकर फिलहाल चुप्पी साध ली है। उनका कहना है कि आइएस के कब्जे से शहर को छुड़ाने के लिए हमले को लेकर वे अभी कोई तारीख नहीं बता सकते। दो रिपब्लिकन सांसदों जॉन मैक्केन और लिंडसे ग्राहम ने गुरुवार के उस संवाददाता सम्मेलन को लेकर ह्वाइट हाउस को तीखा पत्र लिखा था जिसमें मोसुल में 20 से 25 हजार इराकी और कुर्द लड़ाकों के साथ अप्रैल या मई में आइएस पर हमले की बात कही गई थी। उनका कहना था कि इस तरह के खुलासे अभियान को खतरा पहुंचा सकते हैं।

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