जार्डन ने लिया अपने पायलट की मौत का बदला
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) द्वारा पायलट को जिंदा जलाने के बाद बदले की कार्रवाई करते हुए जार्डन सरकार ने अपने यहां कैद दो आतंकियों को फांसी पर लटका दिया। फांसी पर लटकाए गए दोनों आतंकियों में महिला आतंकी साजिदा अल रिशावी भी शामिल है।
By Murari sharanEdited By: Updated: Wed, 04 Feb 2015 07:38 PM (IST)
अम्मान। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) द्वारा पायलट को जिंदा जलाने के बाद बदले की कार्रवाई करते हुए जार्डन सरकार ने अपने यहां कैद दो आतंकियों को फांसी पर लटका दिया। फांसी पर लटकाए गए दोनों आतंकियों में महिला आतंकी साजिदा अल रिशावी भी शामिल है। आइएस ने पायलट मुआथ कसासबेह के बदले रिशावी को रिहा करने की मांग रखी थी।
सरकार के प्रवक्ता मुहम्मद अल-मोमेनी ने बताया कि दो कैदियों साजिदा अल रिशावी और जियाद करबोली को बुधवार सुबह फांसी दे दी गई। आइएस द्वारा पायलट को जिंदा जलाने का वीडियो आने के बाद जार्डन ने आइएस से बदला लेने की बात कही थी। जार्डन आइएस के खिलाफ अमेरिका की अगुआई में चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है। बहुत से नागरिकों ने आइएस के खिलाफ अमेरिकी लड़ाई में जार्डन के शामिल होने के फैसले की निंदा की है। उनका कहना है कि यह कदम देश में आतंकी हमलों का कारण बनेगा। दूसरी ओर अमेरिका की आधिकारिक यात्रा को बीच में छोड़कर वापस आए जार्डन के शाह अब्दुल्ला ने लोगों से एकता की अपील करते हुए कहा कि यह एक आपराधिक संगठन की कायराना हरकत है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि पायलट की हत्या आइएस के खिलाफ लड़ाई में जार्डन को और अधिक ताकत से शामिल होने का कारण बनेगी।
आइएस की चौतरफा निंदा पायलट को जिंदा जलाने के वीभत्स कृत्य के लिए आइएस की चौतरफा निंदा हो रही है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने घटना की निंदा करते हुए सभी देशों को आतंक और अतिवाद के खिलाफ लड़ाई में मिलकर ताकत लगाने की बात कही।
जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने भी घटना को क्रूर बताते हुए नाराजगी व्यक्त की। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने घटना को आइएस की बर्बरता का नमूना बताया। मौलवियों ने भी की आलोचना दुबई । आइएस के इस कदम की मुस्लिम समुदाय से जुड़ी बड़ी हस्तियों ने भी आलोचना की है। मिस्र की 1,000 साल पुरानी यूनिवर्सिटी के प्रधान शेख अहमद अल तायब ने कहा कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकियों को कत्ल कर देना चाहिए। सऊदी के मौलवी सलमान अल ओदा ने कहा कि वजह कोई भी हो लेकिन किसी को जिंदा जलाना इस्लाम के खिलाफ है। आइएस के प्रति नरमी रखने वाले मौलवियों ने भी इस बात को गलत ठहराया।पढ़ें: आइएस ने जार्डन के पायलट को जिंदा जलाया