अकेले ही सीरिया पर हमले की तैयारी में अमेरिका
वाशिंगटन। अमेरिका असद को रासायनिक हथियारों का प्रयोग कर नरसंहार की सजा देने का पक्का मन बना चुका है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि अमेरिका अकेले ही सीरिया पर हमले की तैयारी कर रहा है। दरअसल, राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार द्वारा रासायनिक हथियारों के प्रयोग को लेकर सीरिया के खिलाफ सैन्य क
वाशिंगटन। अमेरिका असद को रासायनिक हथियारों का प्रयोग कर नरसंहार की सजा देने का पक्का मन बना चुका है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि अमेरिका अकेले ही सीरिया पर हमले की तैयारी कर रहा है। दरअसल, राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार द्वारा रासायनिक हथियारों के प्रयोग को लेकर सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के मुद्दे पर अमेरिका के साथ खड़े नजर आ रहे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को झटका देते हुए ब्रिटिश सांसदों ने अमेरिकी नेतृत्व में सीरिया पर सैन्य कार्रवाई में मदद के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। वर्ष 1782 के बाद पहली बार ब्रिटिश प्रधानमंत्री को युद्ध पर हुए मतदान में शिकस्त मिली है। हालांकि, फ्रांस सीरिया को सजा देने के पक्ष में है।
केरी ने कांग्रेस से कहा, 'अमेरिका दूसरे देशों की विदेश नीति के लिए इंतजार नहीं करेगा।' एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'राष्ट्रपति बराक ओबामा का फैसला देशहित में होगा। उन्होंने हमेशा ज्यादा से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय समर्थन चाहा है। अब फ्रांस, तुर्की और अन्य देशों की भूमिका पर नए सिरे से गौर किया जाएगा।' अमेरिका ने यह भी स्पष्ट किया कि सीरिया और इराक में तुलना नहीं की जा सकती। गलत खुफिया सूचना के आधार पर हुए खाड़ी युद्ध के बारे में पूछे जाने पर ह्वाइट हाउस के उप-प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा, 'दोनों में अंतर है। सीरिया में मिले सुबूत दर्शाते हैं कि वहां निर्दोष नागरिकों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का प्रयोग हुआ है।' इससे पहले गुरुवार को लंदन में हाउस ऑफ कॉमंस में करीब सात घंटे तक चली जोरदार बहस के बाद प्रस्ताव के विरोध में 285, जबकि पक्ष में 272 वोट पड़े। वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि वह अभी भी सीरिया को रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की कड़ी सजा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।