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सीरिया पर हमले को अमेरिकी सीनेट समिति की सशर्त अनुमति

अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट की विदेश संबंध समिति के नेताओं ने कहा है कि सीरिया में सैन्य बल के प्रयोग को लेकर राष्ट्रपति बराक ओबामा को अधिकार देने के एक मसौदे पर उनके बीच सहमति बन गई है।

By Edited By: Updated: Thu, 05 Sep 2013 09:37 AM (IST)
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वाश्िागटन। अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट की विदेश संबंध समिति के नेताओं ने कहा है कि सीरिया में सैन्य बल के प्रयोग को लेकर राष्ट्रपति बराक ओबामा को अधिकार देने के एक मसौदे पर उनके बीच सहमति बन गई है। हालांकि यह मसौदा ओबामा द्वारा भेजे गए अनुरोध की तुलना में बहुत भिन्न है। जिस मसौदे पर समिति के सदस्यों के बीच सहमति बनी है उसके मुताबिक सीरिया में सैन्य कार्रवाई के लिए 60 दिनों की समय सीमा तय की गई है। स्थिति के मुताबिक केवल एक बार इस समयसीमा को 30 दिनों के लिए बढ़ाया जा सकता है।

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समिति के डेमोक्रेटिक चेयरमैन रॉबर्ट मेनेंनडेज और शीर्ष रिपब्लिकन सीनेटर बॉब कॉर्कर के बीच बनी सहमति के मुताबिक सीरिया में सैनिक उतारने की अनुमति नहीं होगी। इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा है कि यदि अमेरिका सीरिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो उसके समक्ष अपने सहयोगियों को खोने का खतरा उत्पन्न हो जाएगा। साथ ही अमेरिका के समक्ष अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने का संकट भी खड़ा हो जाएगा। अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने सीरिया पर हमला करने की ओबामा की योजना का समर्थन किया है। इससे संबंधित ओबामा के प्रस्ताव का संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के रिपब्लिकन स्पीकर जॉन बॉएनर ने भी समर्थन किया है।

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उधर महासचिव बान की मून ने कहा है कि यदि संयुक्त राष्ट्र निरीक्षक सीरिया में रासायनिक हथियारों के प्रयोग की पुष्टि कर देते हैं तो सुरक्षा परिषद कार्रवाई करेगी। सीरिया के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई की तैयारियों के बीच रूस मिसाइल वाले युद्धपोत पूर्वी भूमध्यसागर में भेज रहा है।

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