पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर त्यागपत्र का दबाव बनाने के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता इमरान खान और धार्मिक नेता ताहिर उल कादरी मंगलवार की देर रात अपने हजारों समर्थकों के साथ अति सुरक्षा वाले रेड जोन में प्रवेश कर गए। इस जोन में संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के निवास तथा विभिन्न देशों के दूतावास हैं। पूरे इलाके में सेना तैनात कर दी गई है।
By Edited By: Updated: Wed, 20 Aug 2014 11:33 AM (IST)
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर त्यागपत्र का दबाव बनाने के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता इमरान खान और धार्मिक नेता ताहिर उल कादरी मंगलवार की देर रात अपने हजारों समर्थकों के साथ अति सुरक्षा वाले रेड जोन में प्रवेश कर गए। इस जोन में संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के निवास तथा विभिन्न देशों के दूतावास हैं। पूरे इलाके में सेना तैनात कर दी गई है।
रेड जोन में घुसने पर सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों में झड़प भी हुई। संसद भवन के निकट पुलिस ने कादरी समर्थकों और सेरेना चौक के पास इमरान समर्थकों पर लाठीचार्ज किया।
प्रदर्शनकारियों के तेवरों को देखते हुए सेना ने प्रधानमंत्री के आवास को सुरक्षा घेरे में ले लिया है। प्रदर्शनों से निपटने में कमजोर साबित हुए नवाज शरीफ ने कहा है कि वह किसी कीमत पर त्यागपत्र नहीं देंगे। शरीफ रेड जोन स्थित अपने आवास से घटनाक्रम का जायजा लेते रहे। उधर, शरीफ की बेटी मरियम ने ट्वीट कर कहा है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग नहीं किया जाएगा। रेड जोन की ओर मार्च करने से पहले खान ने अपने समर्थकों से कहा कि मुझसे वादा करो कि अगर मुझे कुछ हो जाए तो आप लोग नवाज शरीफ से बदला जरूर लेंगे। उन्होंने शरीफ को ललकारते हुए कहा कि मैं आ रहा हूं। तुम्हें जिम्मेदार बनाने मैं आ रहा हूं।
एक कंटेनर में रात गुजारने के बाद इमरान ने इससे पहले कहा था कि उनका आजादी मार्च संवैधानिक और लोकतांत्रिक है। उन्होंने संसद और प्रधानमंत्री को फर्जी भी करार दिया। दूसरी ओर कादरी ने जन संसद के गठन की घोषणा कर दी। उन्होंने शरीफ सरकार द्वारा वार्ता के लिए गठित सांसदों की समिति से मिलने से भी इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जन संसद भविष्य की कार्रवाई तय करेगी और देश की नियति बदलने जा रही है। कादरी ने मौजूदा सांसदों को दागी बताते हुए कहा कि वे चुनाव में धांधली के जरिये सत्ता में आए हैं। सरकार ने इन दोनों नेताओं पर लोकतंत्र को पटरी से उतारने का आरोप लगाया है।