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सेना की घुड़की पर झुके शरीफ विरोधी

पाकिस्तान में सेना सब पर भारी है, यह बात बुधवार को एक बार फिर साबित हो गई। कई दिनों से जारी सरकार विरोधी-प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे नेता विपक्ष इमरान खान और पाकिस्तान अवामी तहरीक के अध्यक्ष मौलवी ताहिर उल कादरी जो प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे से कम पर सरकार से किसी बातचीत को तैयार नहीं थे, उन्होंने सरकार से वार्ता के लिए सेना की घुड़की मिलते ही घुटने टेक दिए।

By Edited By: Updated: Thu, 21 Aug 2014 07:27 AM (IST)
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सेना सब पर भारी है, यह बात बुधवार को एक बार फिर साबित हो गई। कई दिनों से जारी सरकार विरोधी-प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे नेता विपक्ष इमरान खान और पाकिस्तान अवामी तहरीक के अध्यक्ष मौलवी ताहिर उल कादरी जो प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे से कम पर सरकार से किसी बातचीत को तैयार नहीं थे, उन्होंने सरकार से वार्ता के लिए सेना की घुड़की मिलते ही घुटने टेक दिए।

इमरान खान ने बुधवार की रात प्रधानमंत्री आवास पर धावा बोलने की पहले की गई घोषणा भी उन्होंने वापस ले ली। हालांकि अभी संसद का घेराव जारी है और हालात पर काबू पाने के लिए रेड जोन में सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गई है। प्रदर्शनकारी पिछले साल हुए संसदीय चुनाव में धांधली और देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर शरीफ के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। कादरी और नवाज सरकार के चार सदस्यीय प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की तैयारी हैं।

इन प्रदर्शनों को लेकन पाक के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इमरान और कादरी को गुरुवार को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। इमरान का कहना है कि वह पिछले साल हुए चुनाव में कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करेंगे।

सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच जारी गतिरोध समाप्त करने के पहले संकेत के रूप में नवाज शरीफ ने बुधवार को कादरी से बातचीत के लिए चार सदस्यीय दल भेजा है। कादरी ने बातचीत की सफलता की किसी भी तरह की गारंटी देने से इन्कार कर दिया है लेकिन कहा है कि वह बातचीत के विरोध में कभी नहीं रहे। वार्ता के लिए कादरी के पास जो टीम गई है उसमें रेल मंत्री साद रफीक के अलावा विपक्ष के भी दो नेता हैं। इमरान खान ने पिछले साल हुए चुनाव में गड़बड़ी करने वालों को गिरफ्तार करने की मांग की है। देर रात वह भी शरीफ के इस्तीफे की मांग छोड़कर बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। इससे पहले मंगलवार को सेना ने सरकार और प्रदर्शनकारी नेताओं को समस्या का बातचीत के जरिये समाधान निकालने को कहा था।

इससे पहले इमरान खान ने आक्रामक रुख जारी रखते हुए ट्वीट किया था, 'आज की रात हमलोग डी चौक (रेड जोन के अंदर वह स्थान जहां विभिन्न देशों के दूतावासों के अलावा संसद भवन, प्रधानमंत्री आवास, राष्ट्रपति आवास, सुप्रीम कोर्ट है।)' पर आजादी का जश्न मनाएंगे। हम चाहते हैं कि सभी पाकिस्तानी तमाम अवरोधों को तोड़ते हुए यहां पहुंचें।'

इमरान खान के रुख को नरम करने के प्रयास के तहत रेल मंत्री ख्वाजा साद रफीक ने ट्वीट किया, 'शरीफ ने देश के लिए इमरान से मुलाकात करने का निर्णय लिया है।' हालांकि उन्होंने मुलाकात के समय के बारे में कुछ नहीं बताया है। उम्मीद की जा रही है कि शरीफ इमरान के समक्ष पिछले साल के चुनाव के वोटों की पूर्ण ऑडिट की पेशकश कर सकते हैं। इमरान द्वारा चुनाव में हेराफेरी का आरोप लगाया गया है। चुनाव में शरीफ की पीएमएल-एन पार्टी ने 342 में से 190 सीटें जीती थीं। इमरान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को 34 सीटें मिली थीं। वह शरीफ के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। जबकि ताहिर उल कादरी शरीफ के इस्तीफे के साथ ही पाकिस्तान में बड़ा बदलाव लाना चाहते हैं।

रेड जोन में तंबू:

हजारों प्रदर्शनकारी रेड जोन में घुस चुके हैं और संसद भवन के सामने डेरा डाल दिया है। कादरी द्वारा संसद में किसी को घुसने या बाहर आने देने से मना करने पर प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को संसद को घेर लिया। उस समय शरीफ भी संसद में मौजूद थे। प्रदर्शनकारियों की कोशिशों के बीच सांसद पिछले दरवाजे से चले गए।

इमरान और कादरी कोर्ट में तलब:

प्रदर्शनों को लेकर इमरान और कादरी के खिलाफ दाखिल याचिका के जवाब में मुख्य न्यायाधीश नसीर उल मलिक ने कहा कि हम गुरुवार को पेशी के लिए सभी प्रतिवादियों को नोटिस देना पसंद करेंगे।

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