मंगल पर पानी की मौजूदगी के मिले सुराग
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि उसके मार्स रिकानंसस ऑर्बिटर और आडिसी ऑर्बिटर ने ऐसे संकेत दिए हैं कि लाल ग्रह पर आज भी पानी तरल रूप में मौजूद हो सकता है।
By Edited By: Updated: Tue, 11 Feb 2014 05:07 PM (IST)
वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि उसके मार्स रिकानंसस ऑर्बिटर और आडिसी ऑर्बिटर ने ऐसे संकेत दिए हैं कि लाल ग्रह पर आज भी पानी तरल रूप में मौजूद हो सकता है।
शिन्हुआ ने नासा के हवाले से बताया कि टोही अंतरिक्ष यान ने अंगुली के आकार के धुंधले निशान देखे हैं जो मंगल ग्रह के कुछ ढलानों पर तापमान में वृद्धि होने पर बहता है। इसके साथ ही कुछ ढलानों पर लौह खनिजों में भी मौसमी बदलाव देखे गए। इससे यह आभास होता है कि मौसम के अनुसार मंगल के कुछ हिस्सों में लौह खनिजों के साथ लवण युक्त पानी फेरिक सल्फेट की तरह बह सकता है। मंगल पर जीवन को लेकर नासा पर मुकदमा शोधकर्ताओं ने इन धुंधले प्रवाहों को रिकरिंग स्लोप लिनीये [आरएसएल] नाम दिया है और अब तक मंगल ग्रह पर ऐसे 13 आरएसएल पाए जाने की पुष्टि हो चुकी है। जियोफिजीकल रिसर्च लेटर्स एंड आइक्रस जर्नल में प्रकाशित दो रिपोर्टो के प्रमुख लेखक लुजेंद्र ओझा ने कहा कि हमें अभी तक आरएसएल में पानी के अस्तित्व का पता नहीं चल सका है। लेकिन हमें यह यकीन नहीं हो रहा है कि आखिर पानी के बिना यह प्रक्रिया कैसे हो सकती है। क्योंकि पानी के बगैर यह संभव नहीं है।
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