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अकेलेपन के शिकार फेसबुक के ज्यादा करीब

जिंदगी से निराश और अकेलेपन के शिकार लोगों में सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर संवेदनशील निजी जानकारियां साझा करने की प्रवृत्ति ज्यादा होती हैं। चा‌र्ल्स स्टर्ट यूनिवर्सिटी (सीएसयू) के शोधकर्ता लंबे समय से अकेलेपन और सोशल नेटवर्किग पर खुद को जाहिर करने के संबंधों का पता लगा रहे थे।

By Edited By: Updated: Wed, 28 May 2014 11:01 AM (IST)
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मेलबर्न। जिंदगी से निराश और अकेलेपन के शिकार लोगों में सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर संवेदनशील निजी जानकारियां साझा करने की प्रवृत्ति ज्यादा होती हैं। चा‌र्ल्स स्टर्ट यूनिवर्सिटी (सीएसयू) के शोधकर्ता लंबे समय से अकेलेपन और सोशल नेटवर्किग पर खुद को जाहिर करने के संबंधों का पता लगा रहे थे।

स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एंड मैथेमैटिक्स के सहायक प्रोफेसर यसलेम अल सग्गाफ और सीएसयू रिसर्च ऑफिस के शेरॉन नीलसन ने 600 से अधिक महिलाओं फेसबुक यूजर्स की प्रोफाइल का अध्ययन किया। इस सभी महिलाओं ने अपनी प्रोफाइल को पब्लिक किया हुआ था, जिसे सब देख सकते थे।

अल सग्गाफ के मुताबिक, पुरुषों में भी फेसबुक पर खुद को ज्यादा से ज्यादा जाहिर करने की प्रवृति कम नहीं होती। उन्होंने कहा, हमने खुद को अकेला बताने वाले 308 यूजर्स की जानकारियां इकट्ठा कीं। इसके बाद 308 ऐसे यूजर्स से बातचीत की जो फेसबुक को एक-दूसरे से संपर्क में रहने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया, 'अकेले लोगों ने फेसबुक पर निजी जानकारियां ज्यादा बांटीं। अकेलेपन के शिकार 79 प्रतिशत से अधिक यूजर्स ने अपनी पसंदीदा किताब, पसंदीदा फिल्म जैसी निजी जानकारियां साझा कीं थीं। 98 प्रतिशत ने अपना रिलेशनशिप स्टेटस सबके बीच साझा किया था।' यह शोध जर्नल कंप्यूटर्स इन ह्यूमन विहेवियर में प्रकाशित हुआ है।

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