मंगल के विशालकाय गड्ढे में थी पानी की झील!
मंगल के एक विशालकाय गोलाकार गड्ढ़े यानी क्रेटर में किसी समय पानी की झील रही होगी। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के स्टीव रफ के नेतृत्व वाली टीम ने नए अध्ययन में पाया कि बा़़ढ का पानी बड़ी घाटी के माध्यम से इस गढ्डे में प्रवेश कर गया। वर्ष 2004 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का 'स्पिरिट
By Edited By: Updated: Fri, 11 Apr 2014 12:42 PM (IST)
वाशिंगटन। मंगल के एक विशालकाय गोलाकार गड्ढ़े यानी क्रेटर में किसी समय पानी की झील रही होगी। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है।
एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के स्टीव रफ के नेतृत्व वाली टीम ने नए अध्ययन में पाया कि बा़़ढ का पानी बड़ी घाटी के माध्यम से इस गढ्डे में प्रवेश कर गया। वर्ष 2004 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का 'स्पिरिट रोवर' मंगल ग्रह पर 'गुसेव क्रेटर' नाम से चिन्हित किए गए जिस गढ्डे में उतरा, वह 160 किलोमीटर चौ़़डा है। घुमावदार नदी द्वारा गुसेव के दक्षिणी किनारे में दरार आ गई थी। ऐसा लगता है कि इसमें कभी झील रही होगी। रोवर मिशन को इसकी जल युक्त चट्टानों पर फोकस किया गया था। जब स्पिरिट ने खोज करना प्रारंभ की तो वैज्ञानिकों ने पाया कि गुसेव की सतह झील के गादों से नहीं बल्कि ज्वालामुखीय चट्टानों से भरी हुई थी। लेकिन इससे करीब 3.2 किलोमीटर दूर 300 फीट ऊंचा कोलंबिया हिल्स खड़ा था। जब स्पिरिट इसके पास गया तो उसे प्राचीन चट्टानों के बारे में पता चला जिसे पानी ने बदल दिया था।