काबुल के VIP इलाके में ब्लास्ट, 80 की मौत; 350 लोग घायल
अफगानिस्तान के काबुल में भारतीय दूतावास के पास बड़ा धमाका हुआ। इसमें दूतावास की खिड़की के शीशे टूट गए हैं हालांकि सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।
काबुल, आइएएनएस/रायटर/एएफपी। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रमजान के पवित्र महीने के दौरान आतंकियों ने बम विस्फोट करके 80 लोग मार डाले जबकि 350 घायल हुए हैं। घायलों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं। विस्फोटक से भरे पानी के टैंकर के जरिये यह धमाका काबुल के अति सुरक्षित डिप्लोमैटिक जोन में हुआ, जहां पर विदेशी दूतावास हैं। कई देशों के दूतावासों को जान और माल का नुकसान हुआ है। लेकिन सभी विदेशी राजनयिक सुरक्षित हैं। भारतीय दूतावास और उसके कर्मचारी पूरी तरह से सुरक्षित हैं। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने वारदात की जिम्मेदारी ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीडि़तों के प्रति संवेदना का इजहार किया है।
विस्फोट बुधवार सुबह 8.22 बजे जर्मनी के दूतावास के सामने हुआ। वहां से भारतीय दूतावास 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। विस्फोट के समय इलाके में काफी यातायात था। लोग अपने दफ्तरों की तरफ जा रहे थे। तभी हुए तेज धमाके से इलाका धूल के गुबार में डूब गया। चीख-चिल्लाने की आवाजों से इलाका गूंजने लगा। खून से सने मानव अंगों जहां-तहां बिखर गए, इलाके में भगदड़ मच गई। जांबाक चौराहे पर हुए विस्फोट में 50 से ज्यादा वाहनों को नुकसान पहुंचा है जबकि दर्जनों इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। जिन इमारतों को नुकसान पहुंचा है उनमें नाटो की फौजों को सहायता देने वाले कार्यालय की इमारत भी शामिल है।
विस्फोट के बाद वाहनों और कई इमारतों में आग लग गई जिसे कई घंटे बाद बुझाया जा सका। क्षतिग्रस्त इमारतों से मृतकों और घायलों को निकाला जाना जारी है। घायलों में चार पत्रकार भी शामिल हैं जिनमें से एक बीबीसी का है। प्रेस वाहन के एक ड्राइवर की मौत हुई है। अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 80 लोगों के मरने की पुष्टि की है। घटनास्थल से थोड़ी दूर मौजूद मुहम्मद हसन के मुताबिक तेज धमाके के साथ भूकंप का सा एहसास हुआ, पल भर में सब-कुछ बदल गया। घटना के बाद घायलों को खून और मदद देने के लिए बड़ी संख्या में काबुलवासी आगे आए हैं।
भारतीय दूतावास की खिड़कियों के कांच टूटे
विस्फोट में जर्मनी, जापान, फ्रांस, तुर्की, चीन और पाकिस्तान दूतावासों को नुकसान पहुंचा है। जर्मनी दूतावास का सुरक्षाकर्मी मारा गया है, दो दूतावास कर्मी घायल हुए हैं। वहां की सरकार ने अफगानिस्तान को लेकर अपनी नीति पर बने रहने की घोषणा की है। अन्य दूतावासों के भी कुछ सहायक कर्मचारी घायल हुए हैं। भारतीय दूतावास की खिड़कियों में लगे कांच टूटे देखे गए हैं लेकिन कोई घायल नहीं हुआ है। विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज ने भारतीयों के सुरक्षित होने पर संतोष जाहिर किया है। घटनास्थल से अफगानिस्तान के राष्ट्रपति का महल भी ज्यादा दूर नहीं है। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रमजान के महीने में निर्दोष लोगों पर हमले को कायराना और नापाक हरकत करार दिया है।