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फोर्टहुड कांड में निदाल हसन को मौत की सजा

ह्यूंस्टन। अमेरिका की एक सैन्य अदालत ने सेना के मनोचिकित्सक मेजर निदाल हसन को टेक्सास सैन्य अड्डे पर गोलीबारी के मामले में मौत की सजा सुनाई है। पांच नवंबर, 200

By Edited By: Updated: Thu, 29 Aug 2013 04:19 PM (IST)
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ह्यूंस्टन। अमेरिका की एक सैन्य अदालत ने सेना के मनोचिकित्सक मेजर निदाल हसन को टेक्सास सैन्य अड्डे पर गोलीबारी के मामले में मौत की सजा सुनाई है। पांच नवंबर, 2009 को हुई इस गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे, जबकि 30 घायल हो गए थे। हसन 50 साल में ऐसे पहले अमेरिकी सैनिक हैं, जिसे सेवा में रहते हुए मौत की सजा सुनाई गई है।

सेना के 13 शीर्ष अधिकारियों की एक ज्यूरी ने हसन को हत्याकांड का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई। हसन को सेना से बर्खास्त कर दिया गया है। उसे कंसास स्थित फोर्ट लीवनवर्थ जेल में भेजा जाएगा। सजा सुनाए जाने के दौरान हसन के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। ज्यूरी के 13 सदस्यों में से अगर एक भी फैसले पर अपनी असहमति जाहिर करता तो, हसन को उम्र कैद की सजा सुनाई जा सकती थी। ज्यूरी ने 42 वर्षीय हसन को टेक्सास के फोर्डहुड में 13 लोगों की पूर्वनियोजित हत्या में दोषी पाया था। किसी घरेलू सैन्य अड्डे पर हुआ यह सबसे भीषण हमला था। अफगानिस्तान में तैनाती से पहले सैनिक इस अड्डे पर चिकित्सकीय जांच के लिए आते थे। सेना के मनोचिकित्सक हसन को भी कुछ सप्ताह बाद अफगानिस्तान में तैनात किया जाना था। लेकिन इस बीच उसने सैन्य अड्डे पर मौजूद सैनिकों को अपनी उच्च क्षमता वाली बंदूक से निशाना बनाया। एक पुलिसकर्मी ने भी हसन पर पलटकर गोली चलाई थी, जिससे वह आंशिक रूप से लकवे का शिकार हो गया है। अभियोजकों ने दलील दी थी कि अमेरिकी मूल के मुस्लिम हसन ने अपनी कंट्टर धार्मिक विचारधारा के चलते ही सैनिकों पर हमला किया।

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