इंटरपोल का विमान हादसे में आतंकी साजिश से इन्कार
अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी इंटरपोल ने मलेशिया के गायब हुए विमान के मामले में किसी आतंकी साजिश से इन्कार किया है। मलेशिया एयरलाइंस का यह विमान 23
By Edited By: Updated: Wed, 12 Mar 2014 01:28 AM (IST)
कुआलालंपुर। अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी इंटरपोल ने मलेशिया के गायब हुए विमान के मामले में किसी आतंकी साजिश से इन्कार किया है। मलेशिया एयरलाइंस का यह विमान 239 लोगों के साथ चार दिन से लापता है। तमाम देशों की लाख कोशिशों के बावजूद न तो विमान न ही इसका मलबा कहीं मिल पाया है।
इंटरपोल के प्रमुख रोनाल्ड नोबल ने के मुताबिक जांच के दौरान मिली जानकारियों से स्पष्ट है कि यह आतंकी हमला नहीं है। इंटरपोल ने मंगलवार को दो ईरानी व्यक्तियों की तस्वीरें जारी की हैं। ये दोनों चुराए गए पासपोर्ट के साथ मलेशिया के लापता विमान में सवार हुए थे। इनकी पहचान पौरी नूर मोहम्मदी [19] और दिलावर सैयद मुहम्मद रजा [30] के रूप में की गई है। दोनों के आतंकी साजिश में शामिल होने से इन्कार करते हुए नोबल ने कहा कि ये जर्मनी जाने की जुगत में थे। मगर, मलेशिया पुलिस अपनी जांच में अभी भी अपहरण, विमान में समस्या, यात्रियों और केबिन क्रू में विवाद और तोड़-फोड़ को कारण के रूप में मान रही है। आइजी पुलिस अबू बकर ने बताया कि अभी हम हर कोण से जांच आगे बढ़ा रहे हैं। विशेष जांच टीम काम कर रही है। लापता विमान की तलाश में 40 जहाज और 34 विमान लगे हुए हैं। ये वियतनाम और मलेशिया के आसपास समुद्र के हर कोने की खाक छान रहे हैं। लापता मलेशियाई विमान का पता लगा!
विमान मिलने का दावा कुआलालंपुर। मलेशिया की सेना ने दावा किया है कि उसके रडार ने लापता विमान को मलक्का जलडमरूमध्य में खोज निकाला है। यह उस स्थान से काफी दूर है, जहां से विमान का एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया था। यह विमान शुक्रवार रात कुआलालंपुर हवाईअड्डे से बीजिंग के लिए उड़ान भरने के एक घंटे बाद रडार से गायब हो गया था। हालांकि, इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
हाल के विमानन इतिहास में यह सबसे रहस्यपूर्ण और चौंकाने वाली घटना है। इस घटना के चार दिन गुजर जाने के बावजूद अभी तक न तो विमान और न ही इस पर सवार 239 लोगों का कोई सुराग लग सका है। एक सैन्य सूत्र ने बताया कि मलेशिया की सेना के राडार ने विमान को मलक्का जलडमरूमध्य में खोज निकाला है। यह स्थान विमान के लापता होने वाली जगह [विमान ने अंतिम पर संपर्क साधा था] से सुदूर पश्चिम में स्थित है। कोटा भारू के बाद विमान ने रास्ता बदल लिया और उड़ान की ऊंचाई का स्तर कम हुआ। इसके बाद यह मलक्का जलडमरूमध्य की ओर चला गया। मलक्का जलडमरूमध्य जहाजों के लिए दुनिया के सबसे व्यस्त और तंग समुद्री मार्गो में एक है जो मलेशिया के पश्चिमी तट से जुड़ा है। यह मलेशियाई शहर कोटा भारू [जहां विमान से अंतिम बार संपर्क हुआ था] से काफी दूर है।