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अमेरिकी विदेश मंत्री ने 'सबका साथ, सबका विकास' नारे को बताया महान

भारत दौरे से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास विजन में अमेरिका को साझेदार करार दिया है। कभी प्रधानमंत्री को वीजा देने तक से इन्कार करने वाले अमेरिका के विदेश मंत्री मोदी मंत्र के मुरीद हो गए हैं। भारत में सत्ता परिवर्तन के बाद पहली रणनीतिक वार्ता के लिए बुधवार को दो दिनी दौरे पर पहुंच रहे केरी ने मोदी के 'सबका साथ सबका विकास' नारे को महान बताते हुए पूरे सहयोग का एलान किया।

By Edited By: Updated: Wed, 30 Jul 2014 07:53 AM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारत दौरे से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास विजन में अमेरिका को साझेदार करार दिया है। कभी प्रधानमंत्री को वीजा देने तक से इन्कार करने वाले अमेरिका के विदेश मंत्री मोदी मंत्र के मुरीद हो गए हैं। भारत में सत्ता परिवर्तन के बाद पहली रणनीतिक वार्ता के लिए बुधवार को दो दिनी दौरे पर पहुंच रहे केरी ने मोदी के 'सबका साथ सबका विकास' नारे को महान बताते हुए पूरे सहयोग का एलान किया। केरी की यात्रा के दौरान 31 जुलाई को दोनों मुल्कों के बीच पांचवें दौर की रणनीतिक वार्ता भी होनी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और केरी रणनीतिक वार्ता की अगुवाई करेंगे।

भारत-अमेरिका रिश्तों में कुछ वक्त से महसूस की जा रही सुस्ती को तोड़ने की कवायद के तहत आ रहे केरी ने दोनों मुल्कों को अविभाज्य साझेदार बताया। उनके मुताबिक भारत में चुनावों के कारण बीते कई महीने से बहुत से मुद्दे अटके पड़े थे। अब नई सरकार से नए अवसरों और संभावनाओं के साथ बातचीत बढ़ाने का वक्त आ गया है। सोमवार को अमेरिकी थिंकटैंक सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस में इंडिया 2020 प्रोग्राम पर दिए भाषण के दौरान केरी ने करीब एक दर्जन बार मोदी का जिक्र किया।

केरी दो दिवसीय दौरे के दौरान मोदी से भी मुलाकात करेंगे। उनका यह दौरा सितंबर में मोदी की अमेरिका यात्रा की जमीन भी तैयार करेगा। केरी ने शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी मुल्कों के शासनाध्यक्षों को बुलाने से लेकर भारत के नए विकास मॉडल तक मोदी के नजरिए और नीतियों की तारीफ की। मोदी द्वार भारत के ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए 'केसरिया क्रांति' के नारे को अहम बताते हुए केरी ने इसे भारत-अमेरिका रिश्तों में साझेदारी का नया अध्याय बताया। भारत के साथ हुए नाभिकीय करार की डगर पर परमाणु रिएक्टर बिक्री के साथ ही गैर-पारंपरिक ऊर्जा को लेकर बनी संभावनाओं पर भी अमेरिका की नजर है।

केरी ने कहा कि भारतीय निवेश से अमेरिका में एक लाख रोजगार अवसर पैदा हुए हैं। पश्चिम एशिया तनाव और अफगानिस्तान में चुनाव प्रक्रिया को लेकर उपजे संकट को सुलझाने की कोशिशों के बीच भारत आ रहे केरी की भारतीय नेताओं से मुलाकात में क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी बात होनी है।

दोनों देशों के बीच 2010 से चल रही सालाना रणनीतिक वार्ता की कड़ी में सामरिक सहयोग, ऊर्जा व जलवायु परिवर्तन, शिक्षा व विकास, अर्थव्यवस्था, कारोबार व कृषि और स्वास्थ्य जैसे विषय शामिल हैं। मोदी सरकार द्वारा रक्षा और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) सीमा बढ़ाने से शुरू हुए आर्थिक सुधार फैसलों से उत्साहित अमेरिका द्विपक्षीय कारोबार को 100 अरब डॉलर से 500 अरब डॉलर तक ले जाने की बात कर रहा है।

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