बांग्लादेश सीमा पर म्यांमार ने बिछाया बारुदी सुरंग: सूत्र
म्यांमार से जान बचाकर बांग्लादेश की ओर भाग रहे रोहिंग्या मुस्लिमों को रोकने के लिए दोनों देशों की सीमा पर म्यांमार सेना की ओर से बारुदी सुरंग बिछाए जाने की खबर है।
By Monika minalEdited By: Updated: Wed, 06 Sep 2017 11:33 AM (IST)
ढाका (रायटर्स)। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में दो सरकारी सूत्रों के अनुसार, पिछले तीन दिनों से बांग्लादेश बार्डर पर म्यांमार की ओर से बारुदी सुरंग बिछाने का काम चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे रोहिंग्या समुदाय को रोकने का मकसद हो सकता है।
जान बचाकर भागे बांग्लादेशम्यांमार के राखिने में हाल के हिंसा में करीब 400 लोग मारे गए और करीब 125,000 रोहिंग्या जान बचाकर पड़ोसी देश बांग्लादेश चले गए। सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया, ‘वे सीमा पर बाड़ों के करीब अपने इलाके में लैंड माइन बिछा रहे हैं।‘इंफार्मर के जरिए बांग्लादेश को मिली जानकारी
हालात से अवगत सूत्रों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि बांग्लादेश की ओर से बुधवार को सीमा के करीब बारुदी सुरंग बिछाने के खिलाफ औपचारिक रूप से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। दोनों सूत्रों ने बताया, बांग्लादेश को बारुदी सुरंगों का पता फोटोग्राफिक सबूतों व खबरी (इंफॉर्मर) से पता चला। एक सूत्र ने बताया, ‘हमारी सेना ने बाड़ के करीब तीन चार ग्रुप को काम करते देखा कि वे जमीन पर कुछ रख रहे थे। इसके बाद हमने इस बात की पुष्टि अपने इंफॉर्मरों से की कि वे वहां बारुदी सुरंग बिछा रहे थे।‘ सूत्रों से ग्रुप के लोगों के यूनिफार्म का पता नहीं चल पाया लेकिन उन्होंने यह कहा कि वे निश्चित तौर पर रोहिंग्या नहीं थे।पिछले तीन दिनों से बिछाया जा रहा लैंडमाइन
बांग्लादेश सीमा पर गार्ड ऑफिसर मंजुरुल हसन खान ने रायटर्स को बताया कि मंगलवार को म्यांमार की ओर विस्फोट की दो आवाजें सुनी गयी जिसके बाद यह बात प्रकाश में आयी कि म्यांमार के सुरक्षा बलों द्वारा सीमा पर बारुदी सुरंग बिछाया जा रहा है। सोमवार को इसी तरह की विस्फोटों ने पहले ही इस बात की आशंका पर बल दिया था कि म्यांमार ने सीमावर्ती इलाके में बारुदी सुरंग बिछा दिया है। खान ने बताया कि मंगलवार को सीमा पार करने से पहले ही विस्फोट के चपेट में एक लड़के ने अपना पैर गवां दिया जिसके बाद उसे इलाज के लिए बांग्लादेश लाया गया, वहीं दूसरे लड़के को मामूली जख्म आए हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह विस्फोट बारुदी सुरंग विस्फोट हो सकता है।
रोहिंग्या रिफ्यूजी ने देखा मिट्टी में दबा मेटल डिस्कसोमवार को घटनास्थल पर गए रोहिंग्या रिफ्यूजी के अनुसार जमीन में करीब 10 सेमी के व्यास वाला मेटल डिस्क था जो आधा जमीन के भीतर था। उसने बताया कि उसे ऐसा लगा कि इस तरह के दो और डिस्क जमीन के भीतर थे।म्यांमार ने रिपोर्टों को किया खारिजहालांकि म्यांमार के मंत्रियों की ओर से बारुदी सुरंग बिछाने वाली रिपोर्टों को खारिज कर दिया गया है। इन रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए राखिने के सीमा मामलों के मंत्री फोन टिंट ने अल जजीरा को बताया, ‘हमने ये सब नहीं किया।‘ म्यांमार की राष्ट्रीय नेता आंग सान सूकी के प्रवक्ता जॉ टे ने सोमवार को कहा कि विस्फोट कहां और कैसे हुआ, कौन वहां तक जा सकता है और किसने बारुदी सुरंग बिछाया था इसका पता लगाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि उनका भी पता किया जाएगा जो निश्चित तौर पर यह कह सकते हैं कि इसके पीछे आतंकियों का हाथ नहीं है। दोनों देशों के बीच 217 किमी लंबी सीमा पर तारों के बाड़ लगे हैं। म्यांमार उन कुछ देशों में से है जिसने 1997 की संरा बारुद प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया है। बता दें कि म्यांमार में पहले सैन्य शासन था।
रोहिंग्या रिफ्यूजी ने देखा मिट्टी में दबा मेटल डिस्कसोमवार को घटनास्थल पर गए रोहिंग्या रिफ्यूजी के अनुसार जमीन में करीब 10 सेमी के व्यास वाला मेटल डिस्क था जो आधा जमीन के भीतर था। उसने बताया कि उसे ऐसा लगा कि इस तरह के दो और डिस्क जमीन के भीतर थे।म्यांमार ने रिपोर्टों को किया खारिजहालांकि म्यांमार के मंत्रियों की ओर से बारुदी सुरंग बिछाने वाली रिपोर्टों को खारिज कर दिया गया है। इन रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए राखिने के सीमा मामलों के मंत्री फोन टिंट ने अल जजीरा को बताया, ‘हमने ये सब नहीं किया।‘ म्यांमार की राष्ट्रीय नेता आंग सान सूकी के प्रवक्ता जॉ टे ने सोमवार को कहा कि विस्फोट कहां और कैसे हुआ, कौन वहां तक जा सकता है और किसने बारुदी सुरंग बिछाया था इसका पता लगाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि उनका भी पता किया जाएगा जो निश्चित तौर पर यह कह सकते हैं कि इसके पीछे आतंकियों का हाथ नहीं है। दोनों देशों के बीच 217 किमी लंबी सीमा पर तारों के बाड़ लगे हैं। म्यांमार उन कुछ देशों में से है जिसने 1997 की संरा बारुद प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया है। बता दें कि म्यांमार में पहले सैन्य शासन था।